छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में पहुंचा टिड्‌डों का झुंड, मध्यप्रदेश के शहडोल से बड़ी तादाद में आए कीट, फसलों को खतरा

कोरिया जिला प्रशासन ने किया कीटनाशकों का छिड़काव, कंट्रोल रूम को सुचना दे रहे ग्रामीण अधिकारी जुटे लोकेशन ट्रेस करने में

कोरिया. प्रदेश के किसान लॉकडाउन की वजह से ठप पड़े बाजार और परिवहन की दिक्कतों से जूझ रहे हैं। अब देश के कई राज्यों में फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीट कोरिया जिले में पहुंचे हैं। टिड्‌डों का यह बड़ा दल रविवार की दोपहर देखा गया। शनिवार रात ही घोरधरा गांव के किसानो ने कृषि विभाग को सूचना दी थी। भरतपुर के जावरी टोला में टिड्‌डों का बड़ा झुंड देखा गया। अधिकारी इनकी अनुमानित संक्ष्या 20 हजार के आस-पास बता रहे हैं। यह टिड्‌डी दल मध्यप्रदेश के रीवा और शहडोल से छत्तीसगढ़ आया है। माना जा रहा है कि टिड्‌डों का बड़ा दल, जिसमें लाखों की संख्या में कीट होंगे अब भी एमपी में ही है जो सोमवार की सुबह आ सकता है।

अधिकारी टिडि्डयों की निगरानी कर रहे हैं, जिस तादाद में इन कीटों को मारा जा रहा है यह वैसे ही बढ़ रहे हैं।
अधिकारी टिडि्डयों की निगरानी कर रहे हैं, जिस तादाद में इन कीटों को मारा जा रहा है यह वैसे ही बढ़ रहे हैं।

जवारी टोला में ही टेंट लगाकर वन विभाग और कृषि विभाग के अफसर रुके हुए हैं। टिड्डों के झुंड पर नजर रखी जा रही है। आस-पास के किसानों अलर्ट किया गया है। शाम के वक्त फायर ब्रिगेड से कीटनाशक का छिड़काव किया गया। काफी संख्या में टिड्‌डे मारे गए। कुछ हिस्सों में मूंग, उड़द, मक्का और सब्जीयों की फसलों में पहले से कीटनाशक का छिड़काव किया गया है। कीटनाशक में क्लोरोपायरीफास 50 प्रतिशत,  साइपरमेथीरीन 5 प्रतिशत, ईसी और लेम्डासायलैथिरीन मिलाया गया है।

यह है वो किट जो इन दिनों पूरे देश के किसानों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ, तस्वीर कोरिया के गांव की है।
यह है वो किट जो इन दिनों पूरे देश के किसानों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ, तस्वीर कोरिया के गांव की है।

कृषि विभाग के उप संचालक ने आज बताया कि जिले में टिड्डा दलों के निगरानी एवं नियंत्रण हेतु विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। टिड्डे से फसलों के बचाव हेतु उचित सलाह, मार्गदर्शन एवं नियंत्रण हेतु कृषि विभाग के उप संचालक के कार्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। उन्होंने बताया कि कंट्रोल रूम का नंबर 07836-232214 है और यह 24 घंटे संचालित होगा। इसके लिए अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है।


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