कवर्धा में 50 से ज्यादा चमगादड़ों की मौत, बिना पोस्टमार्टम वन विभाग ने जलवा दिए शव 

बोड़ला के मंडलाटोला गांव में मिले थे चमगादड़ों के शव, डीएफओ बोले- गर्मी के कारण हुई मौत, पशु चिकित्सा विभाग ने सैंपल जांच के लिए कामधेनु विवि भेजा, अब रिपोर्ट आने का इंतजार

कवर्धा. छत्तीसगढ़ के कवर्धा मेंं शुक्रवार को 50 से ज्यादा चमगादड़ों की मौत हो गई। संदिग्ध हालत में इन चमगादड़ों के शव नीलगिरी के पेड़ के पास मिले थे। सूचना मिलने पर पहुंची वन विभाग की टीम ने बिना पोस्टमार्टम कराए ही इनके शवों को जला दिया। हालांकि पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने उनके सैंपल लेकर जांच के लिए कामधेनु विश्वविद्यालय भिजवाएं हैं। अभी उनकी रिपोर्ट का इंतजार है।

डीएफओ दिलराज प्रभाकर ने गर्मी के कारण चमगादड़ों के मरने की आशंका जताई है। 

जानकारी के मुताबिक, बोड़ला ब्लॉक अंतर्गत पोंड़ी-बोड़ला नेशनल हाईवे किनारे स्थित ग्राम मंडलाटोला में चमगादड़ों के शव मिले थे। इस स्थान पर नीलगिरी के करीब 70 से अधिक पेड़ है। इसी पेड़ में चमगादड़ रहा करते थे। डीएफओ दिलराज प्रभाकर ने बताया कि गर्मी के कारण चमगादड़ों के मरने की आशंका है। हालांकि पशु चिकित्सा विभाग चमगादड़ के मौत को लेकर कुछ भी कहने से बच रहा।

पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक डॉ. एनपी मिश्रा ने बताया कि शुक्रवार को मरे हुए चमगादड़ का सैंपल लिया है। इसे जांच के लिए दुर्ग के कामधेनु विवि भेजा जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। वहीं किसी भी चमगादड़ का पोस्टमार्टम भी नहीं किया गया है। डीएफओ ने बताया कि सैंपल लेने के बाद मृत चमगादड़ को जला दिया गया।

बिहार व यूपी में भी चमगादड़ के मौत का मामला सामने आया था
डीएफओ दिलराज प्रभाकर ने बताया कि यूपी के गोरखपुर और बिहार में भी एक साथ कई चमगादड़ का मौत का मामला सामने आया था। वहां भी मौत का कारण गर्मी बताया गया। पशु चिकित्सा विभाग की ओर से लिए गए सैंपल रिपोर्ट में सब क्लीयर होगा। फिलहाल मौत का कारण गर्मी ही मान रहें हैं। आमतौर पर बारिश के दौरान ओले के चपेट में आने से भी चमगादड़ की मौत होती है।


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