पहला ट्राइबल फेस्टिवल रायपुर में 27 से 29 दिसंबर तक, प्रस्तुतियों के आधार पर होगा चयन
जिले में धरमजयगढ़, तमनार, घरघोड़ा व लैलूंगा समेत सभी ब्लॉकों में चयन प्रक्रिया शुरू
रायगढ़. पहली बार राज्य में नेशनल ट्राइबल डांस फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। यहां देश के लगभग सभी राज्यों से आदिवासी नृतक दल के कलाकार प्रस्तुति देने पहुंचेंगे। रायगढ़ जिले से भी पंथी, कर्मा और महोत्सव के तय कैटेगरी विवाह, फसल कटाई, परंपरागत त्योहारों पर निर्धारित कार्यक्रमों की तैयारी कर रहे हैं। आदिवासी विभाग पहले ब्लॉक स्तर पर कलाकारों की प्रस्तुतियों के आधार पर चयन करेगी। इसके बाद जिला और फिर संभाग स्तर पर चयन प्रक्रिया होगी।
छत्तीसगढ़ के साथ ही एमपी, झारखंड, यूपी, बिहार, असम, कर्नाटक, केरल के कलाकार होंगे शामिल
इन सब में बेहतर कलाकारों को नेशनल ट्राइबल फेस्टिवल में प्रस्तुति देने का मौका मिलेगा। इसमें छत्तीसगढ़ के अलावा झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, कर्नाटक, केरल, दक्षिण भारत के ढाई हजार से ज्यादा कलाकार हिस्सा लेंगे। इसके पीछे छत्तीसगढ़ सरकार को मुख्य उद्देश्य कलाकारों को अवसर प्रदान करने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ी आदिवासी कला का प्रचार-प्रसार भी करना है। यह पहला ट्राइबल फेस्टिवल है, जो कि रायपुर में 27 से 29 दिसंबर तक होगा।
जानिए कब से शुरू होगी चयन प्रक्रिया
1 से 15 नवंबर तक ब्लॉक स्तरीय
16 से 30 नवंबर तक जिला स्तरीय
1 से 10 दिसंबर तक संभाग स्तरीय
27 से 29 दिसंबर तक नेशनल फेस्टिवल
फेस्टिवल के लिए वेबसाइट भी तैयार. इस महोत्सव की वेबसाइट www.tribalfest2019.in सहित सोशल मीडिया के फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर भी पेज बनाए गए हैं। इसके माध्यम से भी कलाकारों को इससे जुड़ी समस्त जानकारियां व अपडेट दी जा रही है।
पंथी, कर्मा, पंडवानी भी होंगे : नेशनल ट्राइबल फेस्टिवल रायपुर के साइंस कॉलेज में आयोजित किया जाएगा। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में पारंपरिक रूप से आदिवासी समाज में विवाह, फसल कटाई, परंपरागत त्योहारों और अन्य अवसरों पर किए जाने वाले नृत्यों का प्रदर्शन किया जाएगा।
30 नंवबर तक करना है चयन
हमें 30 नंवबर तक ब्लॉक और जिला स्तर पर कलाकारों का चयन करना है। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। अभी ब्लॉक स्तर पर चयन प्रक्रिया जारी है। इसके बाद ठीक बाद जिला स्तर पर कलाकारों की टीम चयन कर हम संभाग स्तर पर भेजेंगे।
जितेंद्र गुप्ता, आयुक्त आदिवासी विभाग