नक्सलियों ने अगवा सात युवकों सहित सभी ग्रामीणों को रिहा कर दिया

सुकमा। सात युवकों समेत अगवा किए गए सुकमा के पास के गांव के सभी 34 ग्रामीणों को नक्सलियों मंगलवार देर रात रिहा कर दिया है। कल रात को सभी ग्रामीण और सात युवक कुंदेड़ गांव पहुंचे हैं। युवकों पर पुलिस से बात करने और मुखबिरी का लगाया आरोप लगाते हुए नक्सलियों ने अगवा कर लिया था। आधे गांव के लोग युवकों को रिहा कराने के लिए पहुंचे थे। इस पर अंतिम मौका देते हुए नक्सलियों ने युवकों को रिहा कर दिया है। नक्सलियों ने तोलावर्ती इलाके में जनअदालत लगाकर फैसला सुनाते हुए उन्हें रिहा कर दिया।

सर्व आदिवासी समाज के युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष रामदेव बघेल ने कहा सभी की सुरक्षित रिहाई हो गई। एसपी सुनील शर्मा ने भी की पुष्टि, कहा कल रात 8 बजे सभी ग्रामीण सुरक्षित अपने घर पहुंच गए। बताते चलें कि 17 जुलाई से लेकर 20 जुलाई तक नक्सलियों ने सात लोगों को अगवा कर लिया था। इसके साथ ही उन्हें छुड़ाने के लिए जंगल गए गांव के कुछ अन्य लोगों को भी नक्सलियों ने बंधक बना लिया था।

इस तरह कुल 34 लोग नक्सलियों के कब्जे में थे और ये सभी जिले के कुंन्देड़ गांव के निवासी थे। उसके बाद सर्व आदिवासी समाज ने नक्सलियों से अपील की और पुलिस ने भी ग्रामीणों की रिहाई को लेकर प्रयास शुरू किए लिहाजा मंगलवार देर शाम करीब आठ बजे नक्सलियों ने तोलावर्ती गांव के समीप सभी को सुरक्षित छोड़ दिया और सभी सकुशल अपने गांव लौट आए। इसकी पुष्टि सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी रामदेव बघेल व एसपी सुनील शर्मा ने कर दी है।

जानकारी के मुताबिक, नक्सलियों ने तोलवर्ती गांव के समीप जंगल में जनअदालत लगाकर अगवा किए गए सात युवकों पर मुखबिरी का आरोप लगाया, जिसके बाद ग्रामीणों ने युवकों को छोड़ने की बात कही साथ ही सर्व आदिवासी समाज ने भी नक्सलियों से सभी को छोड़ने की अपील की थी। इसके बाद नक्सलियों ने उन युवकों को ग्रामीणों के समक्ष अंतिम चेतावनी देते हुए मुखबिरी नहीं करने की बात पर रिहा कर दिया।

सर्व आदिवासी समाज के युवा प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष रामदेव बघेल ने नईदुनिया बताया कि कुन्देड़ गांव के सभी लोगो को सकुशल छोड़ दिया गया है। हालांकि, क्या कुछ हुआ इसको लेकर चर्चा नहीं हो पाई है। उन्होने कहा कि मिडिया के माध्यम से समाज ने अपील की थी जिसका असर हुआ है।


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