रायगढ़। महामारी ने लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर दिया है। त्योहार के मौसम में लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद शहर की फिजा अब बदली-बदली सी है। सुबह-शाम लोग टहल,दौड़, साइकलिंग, जिमिंग और व्यायाम कर रहे हैं। लोग अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पहले से कहीं ज्यादा सजग हो गए हैं। मेडिकल कॉलेज रोड, चक्रधर नगर मेन रोड, मरीन ड्राइव, पर्यावरण पार्क में लोगों की आमद इसकी तस्दीक करती है। खासकर युवा साइकलिंग खूब कर रहे हैं। 7 महीने बाद खुले जिम में लोग जमकर पसीना बहा रहे हैं। रायगढ़ स्टेडियम में पुराने लोगों से ज्यादा अब नए लोगों ने जिम में आना शुरू कर दिया।
व्यायाम से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ाने और मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, और हृदय रोग जैसी बीमारियों का मुकाबला करने में मदद मिलती है, जो गंभीर कोविड बीमारी के प्रति अतिसंवेदनशील बनाते हैं। लॉकडाउन ने आम लोगों की शारीरिक गतिविधि को कम कर दिया था। जो लोग शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहते हैं, उनमें रोग से प्रभावित होने की क्षमता बढ़ जाती है, खासकर जब व्यक्ति वास्तव में संक्रमित होता है। संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होने पर क्वारंटीन और सोशल डिस्टेंसिंग की स्थिति में बिस्तर पर आराम करने और शारीरिक गतिविधि में कमी के चलते अंगों की प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है और प्रतिरक्षा, श्वसन, हृदय, मस्कुलोस्केलेटल और मस्तिष्क प्रणाली को नुकसान का खतरा बढ़ जाता है।
71 साल के शैलेष गुरू बीते 30 साल से लगातार मॉर्निंग वॉक करते आ रहे हैं। वो हर दिन कम-से-कम 6 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। शैलेष गुरू कहते हैं कि मॉर्निंग वॉक से वह दिन भर एक्टिव रहते हैं। उनका ब्लड प्रेशर और शुगर दोनों कंट्रोल रहता है, बीमार कम ही पड़ते हैं। लॉकडाउन में तो लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे थे लेकिन बीते कुछ दिनों से मॉर्निंग वॉकर्स की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।
नियमित व्यायाम से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य सही रहता है : डॉ रुपेंद्र पटेल
अशर्फी देवी महिला चिकित्सालय के प्रमुख डॉ रूपेंद्र पटेल बताते हैं शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के कई क्षेत्रों में शारीरिक गतिविधि का प्रभाव बहुत ज्यादा देखा जा सकता है। यह सुखद है कि नियमित व्यायाम करने वालों को कोविड का जोखिम कम हो सकता है, क्योंकि पुराने रोग वाले व्यक्ति (हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा-ये सभी कसरत न करने से बढ़ते हैं) को कोविड का खतरा ज्यादा होता है। हाल की रिपोर्टों से पता चलता है कि आक्रामक वायरस से लड़ने की क्षमता बी और टी कोशिकाओं की उपस्थिति पर आधारित है, जो बुढ़ापे में और पुरानी बीमारियों के साथ घटती हैं या शारीरिक गतिविधि में कमी से घट सकती हैं।
डॉ पटेल के अनुसार पैदल चलने, खेलने, जिम में कसरत करने, घरेलू काम करने से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है, वजन घटता है, गैर-संचारी रोगों के जोखिम कम होते हैं, हड्डी एवं मांसपेशियों की ताकत में सुधार होता है और कोर्टिसोल के स्तर को संतुलित रखता है, जो तनाव और निराशा को कम करता है।
कोविड -19 के दौर में वर्कआउट बहुत जरूरी : प्रियंका द्विवेदी
हेल्थ कोच प्रियंका द्विवेदी बताती हैं कि इस संक्रमण के दौर में वर्कआउट बहुत जरूरी है, लोगों ने घर से बाहर निकलने पर खुद से प्रतिबंध लगाया था। अब भी ज्यादातर लोग अपने घर में ही व्यायाम कर रहे हैं क्योंकि कोरोना संक्रमण का खतरा अभी कम नहीं हुआ है। लॉकडाउन में वह लोगों को ऑनलाइन ट्रेनिंग देतीं थी। वह न्यूट्रीशिन पर ज्यादा फोकस करती है।
प्रियंका बताती हैं इम्युनिटी बढ़ाने के लिए लोग उनसे अब ज्यादा संपर्क कर रहे हैं। इम्युनिटी के लिए संतुलित आहार सबसे महत्वपूर्व है। इसके बाद न्यूट्रिशियन (पोषण) पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। शरीर की जरूरत के हिसाब से न्यूट्रिशन हम लेने की सलाह देते हैं। प्रियंका प्रोटीन पर ज्यादा ध्यान देने की बात करती हैं। वह बताती हैं कि लोगों को शरीर के वज़न के अनुसार 1.2 ग्राम प्रति किलो प्रोटीन लेना चाहिए। प्रोटीन, शरीर का वज़न कम करने में मददगार होता है, प्रोटीन खाने के बाद पेट भरा रहता है और लंबे समय तक भूख नहीं लगती है जिसके चलते बेवजह की कैलरी शरीर में नहीं पहुंचती। व्यक्ति स्वस्थ रहता है और स्वस्थ व्यक्ति बीमारियों से दूर रहता है।