आपसी सहमति से प्रकरणों का किया जा सकता है निराकरण
रायगढ़, 4 नवम्बर 2019/ माननीय सर्वोच्च न्यायालय के श्री निवास राव विरूद्ध डी.ए.दीपा प्रकरण में पारित आदेश में दिये गये निर्देशों के अंतर्गत न्यायालय में जाने से पूर्व ही निराकृत हो सकने वाले पारिवारिक विवादों के निराकरण के लिए जिला न्यायालय परिसर के पुराने भवन में मुकदमा पूर्व मध्यस्थ सेंटर (हेल्प डेस्क व क्लीनिक)का शुभारंभ श्री रमाशंकर प्रसाद तथा जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री सत्येन्द्र सिंह के द्वारा किया गया। माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा मिडियेशन के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण हेतु विशेष प्रयास करने के लिए न्यायालय को निर्देशित किया जाता रहा है। जिला रायगढ़ में कुल 5 मध्यस्थ केन्द्र रायगढ़, सारंगढ़, घरघोड़ा, धरमजयगढ़ व खरसिया में कार्यरत है। जिले में पूर्व से ही पारिवारिक न्यायालय भवन तथा तहसील न्यायालयों में मध्यस्थता केन्द्र स्थापित है।
उल्लेखनीय है कि मध्यस्थता न्यायालय में विवादों को सुलझाने का एक सरल मार्ग है। मध्यस्थता, दो पक्षों को खुलकर बातचीत करने के लिये प्रेरित एवं उत्साहित करता है तथा पक्षों के बीच संवाद स्थापित करने में सहयोग प्रदान करता है। इसमें कहीं भी विवशता अथवा दबाव नहीं रहता तथा निर्णय लेने का अधिकार भी पक्षों का ही रहता है। पूरी प्रक्रिया स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रहती है। मध्यस्थता केन्द्र में प्रतिदिन प्रशिक्षित मध्यस्थों द्वारा सिविल, आपराधिक, पारिवारिक प्रकरणों के निराकरण का प्रयास किया जा रहा है।
मध्यस्थता केन्द्र शुभारंभ के अवसर पर जिला न्यायालय के समस्त न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण, प्रशिक्षित मध्यस्थ न्यायाधीश व अधिवक्तागण, मामले के पक्षकार, कोर्ट मैनेजर सहित न्यायालयीन कर्मचारी, पैरालीगल वालिंटियर्स उपस्थित रहे।