अंबिकापुर . सरगुजा संभाग में हाथियों के उत्पात से हर साल दस हजार हेक्टेयर से अधिक फसलों का नुकसान हो रहा है। सबसे अधिक धान की फसल को क्षति पहुंच रही है। इसे नियंत्रित करने के लिए वन विभाग किसानों के खेतों में सौर फेसिंग करने पर विचार कर रहा है। इसे मूर्त रूप देने के लिए अधिकारी विधायकों व सांसदों से चर्चा करेंगे। सहमति मिलते ही इस पर सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि इससे हाथी कम नुकसान करेंगे तो मुआवजा में खर्च होने वाला पैसा भी बचेगा। वहीं किसानों को भी राहत मिलेगी।
सीएफ एस एस कंवर ने दैनिक भास्कर को बताया कि हाथियों के कारण फसल को बहुत नुकसान हो रहा है। इसके एवज में धान की फसल पर प्रति हेक्टेयर 22 हजार रुपए दिया जाता है। जबकि एक हेक्टेयर में 50 क्विंटल धान होता है। सरकार द्वारा खरीदे जा रहे सर्मथन मूल्य के हिसाब से यह 1.25 लाख रुपए का होता है। ऐसे में मिलने वाला मुआवजा बेहद कम है। इसे ध्यान में रखते हुए इस पर विचार किया जा रहा है कि मुआवजा की राशि काे बढ़ाया जाए। वहीं जंगल किनारे के फसलों को नुकसान न पहुंचा सकें, इसके लिए किसानों के खेतों की सौर फेंसिंग करवाई जाए। फेंसिंग का काम क्रेडा विभाग के माध्यम से किया जा सकता है। इसके लिए जनप्रतिनिधियों से चर्चा की जाएगी। चर्चा के बाद सहमति बनते ही सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि सौर फेसिंग से हाथी खेत में नहीं आएंगे और यह काम 50 प्रतिशत के अनुदान पर हो जाए।
इसके लिए प्रस्ताव बनाया जा सकता है। बता दें कि हर साल फसलों की क्षति पर वन विभाग सरगुजा संभाग में करोड़ों रुपए बांटता है। इसके बाद भी किसानों की लागत भी वसूल नहीं हो पाता है। इसे देखते हुए यह कारगर हो सकता है।