रायपुर। छत्तीसगढ़ की सरकारी बिजली वितरण कंपनी उपभोक्ताओं को झटके देने की तैयारी में है। तीनों प्रमुख बिजली कंपनियों उत्पादन, पारेषण और वितरण ने नए वित्तीय वर्ष के लिए अपना टैरिफ प्लान तैयार कर लिया है। सूत्रों के अनुसार इसमें उद्योगों को राहत देने की कोशिश में बिजली महंगी करने की तैयारी है। कंपनी ने बिजली दरों में करीब 25 फीसद तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार किया है।
नए प्रस्ताव को लेकर कंपनी के अफसरों की विभागीय मंत्री के तौर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और ऊर्जा विभाग के अफसरों से चर्चा भी हो गई। कंपनी के अफसरों के अनुसार सीएम ने इसमें कुछ बदलाव करने का निर्देश दिया है। सप्ताहभर के भीतर ही प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को सौंपने की तैयारी है।
उत्पादन कंपनी को मड़वा दे रहा झटका
जांजगीर-चांपा में स्थापति एक हजार मेगावॉट क्षमता के मड़वा संयंत्र की वजह से उत्पादन कंपनी का स्थापना व्यय बढ़ गया है। इसका सीधा असर आम उपभोक्ताओं पर पड़ सकता है। मड़वा संयंत्र की स्थापना पर करीब नौ हजार करोड़ स्र्पये खर्च हुए है। वहां की प्रति यूनिट बिजली की लागत लगभग छह स्र्पये है, जबकि राज्य में बिजली की औसत सप्लाई दर भी लगभग इतनी ही है।
उद्योगों को 80 पैसे प्रति यूनिट की राहत
सरकार स्टील उद्योगों को ऊर्जा प्रभार में 80 पैसे प्रति यूनिट की छूट दे रही है। यह राहत करीब चार वर्षों से लगातार दी जा रही है। इसके लिए सरकार को हर वर्ष चार सौ करोड़ स्र्पये से अधिक बिजली कंपनी को देना पड़ता है। सूत्रों के अनुसार अब इसे सीधे टैरिफ में शामिल करने का प्रस्ताव है। यानी उद्योगों का बिजली दर कम किया जा सकता है।
पिछली बार भी बताया था घाटा, आयोग ने नहीं माना
बिजली वितरण कंपनी ने बिजली खरीद पर लगभग साढ़े 10 हजार करोड़ समेत कुल 12 हजार 937 करोड़ के खर्च का अनुमान बताया था। आयोग ने परीक्षण के बाद इसे करीब साढ़े 11 हजार करोड़ माना। इसी तिरह कंपनी ने पिछला घाटा 29 सौ करोड़ बताया, जिसे आयोग ने 22 सौ करोड़ माना। इस आधार पर आयोग ने बताया कि कंपनी को मौजूदा दर पर करीब 540 करोड़ का फायदा होगा।
सीएम और ऊर्जा विभाग के समाने प्रस्तुती
कंपनी के सूत्रों के अनुसार नए ट्रैरिफ प्रस्ताव को लेकर तीन दिन पहले कंपनी के अफसरों ने मुख्यमंत्री और ऊर्जा विभाग के अफसरों के समाने प्रस्तुती दी। कंपनी के अफसरों ने ट्रैरिफ दर बढ़ाए जाने को लेकर कई दलीले दीं, इसमें बढ़ता आर्थिक बोझ प्रमुख रहा। सूत्रों के अनुसार सीएम ने सीधे 25 फीसद बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर आपत्ति की। इस पर कंपनी के अफसरों ने उन्हें समझाया कि आयोग परीक्षण के बाद इसे कम करेगा ही।
आयोग ने कम कर दी थी दर
कंपनियों के टैरिफ प्रस्ताव का अध्ययन करने में बाद विद्युत नियामक आयोग जनसुनवाई करता है। इसके बाद दरें तय होती हैं। चालू वित्तीय वर्ष में आयोग ने पिछले वर्ष की तुलना में बिजली की दरों में कमी की थी। आयोग बिजली की औसत आपूर्ति दर 6.26 से कम करके 6 स्र्पये प्रति यूनिट की थी। इसी आधार पर घरेलू बिजली दर में 100 यूनिट तक 10 फीसद और कृषि पंपों की दर में 30 पैसे प्रति यूनिट की कमी की थी।
बिजली की मौजूदा दर
उच्चदाब उद्योग व स्टील
– फिक्सड लोड चार्जेस 365 स्र्पये प्रति केवीए।
– लोड फैक्टर न्यूनतम 65 व 77 फीसद।
– लोड फैक्टर की गणना के लिए प्रतिमाह 30 घ्ांटा पॉवर ऑफ ऑवर्स निर्धारित।
– केवल रोलिंग मिलों के लोड फैक्टर की अधिकतम सीमा 35 फीसद।
घरेलू उपभोक्ता
यूनिट नई दर
0-100 3.40
101-200 3.60
201-400 4.90
401-600 5.50
600 से अधिक 7.30
(दर स्र्पये प्रति यूनिट में)
गैर घरेलू
0-100 5.40
101-400 6.50
कृषि उपभोक्ता
पूरी खपत पर 4.40
(मांग प्रभार-80 स्र्पये प्रति एचपी अतिरिक्त)