रायपुर. प्रदेश में हो रही दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर राजभवन भी सक्रिय हो गया है। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई कर उनको भी अवगत कराने को कहा है। इस पत्र के साथ राज्यपाल ने केशकाल और बलरामपुर में हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना से संबंधित समाचार पत्रों की कतरनें भी भेजी हैं। ऐसा पहली बार है जो छत्तीसगढ़ में राज्यपाल ने अपराध की किसी घटना को लेकर विभागीय मंत्री से जवाब-तलब किया हो।
राज्यपाल ने पत्र के माध्यम से कहा, विभिन्न समाचार पत्रों में केशकाल में सामूहिक दुष्कर्म के समाचार प्रकाशित हुए हैं। बलरामपुर जिले में भी दुष्कर्म की खबर प्रकाशित हुई थीं। समाचार पत्रों में लिखा है कि कोंडागांव जिले के गांव में एक युवती के साथ सात लोगों के द्वारा सामूहिक दुष्कर्म करने और इनके बाद युवती के आत्महत्या कर लेने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में खास बात यह है कि पुलिस ने पिछले तीन महीनों में न तो मामले में दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज की थी और न ही इस तरह की कोई जांच की थी।
परिजनों की लगातार शिकायतों के बाद और घटना की प्रत्यक्षदर्शी मृतका की सहेली के सामने आने के बाद पुलिस हरकत में आई। इसी प्रकार बलरामपुर जिले में महज आठ महीनों में 104 महिलाओं और लड़कियों की अस्मत लूटे जाने की खबर प्रकाशित हुई है। पुलिस विभाग को उक्त प्रकरणों की जानकारी होने के बाद भी इस प्रकार की घटनाओं पर किसी भी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं किया जाना गंभीर मामला है।
भाजपा बना रही है मुद्दा
कोण्डागांव जिले के पास एक गांव में पारिवारिक शादी में गई एक लड़की के साथ करीब तीन महीने पहले सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। घर लौटकर पीड़िता ने आत्महत्या कर ली। पीड़िता की एक सहेली के सामने आने के बाद 7 अक्टूबर को मामले में केस दर्ज हुआ। बलरामपुर जिले में एक नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया। इन दोनों घटनाओं को भाजपा राज्य सरकार 1 के खिलाफ बड़ा मुद्दा बना रही है।
अभी तक यह कार्रवाई
प्रशासन के मुताबिक केशकाल कांड में शामिल पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है। लापरवाही बरतने के आरोप में तत्कालीन थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है। जांच के लिए एसआईटी बनाई गई है। वहीं बलरामपुर में भी आरोपियों को पकड़ा गया है।