आसमान में राफेल के साथ पहली बार दिखी स्कैल्पर क्रूज मिसाइल, 500 KM तक कर सकती है हमला

नई दिल्ली, भारतीय वायुसेना ने पहली बार राफेल की स्कैल्प क्रूज मिसाइल के साथ इमेज शेयर की है. यह पहली दफा है जब राफेल अपने एकीकृत महत्वपूर्ण हथियार प्रणाली के साथ दिखा है. स्कैल्प क्रूज मिसाइल के साथ राफेल विमान हवा में 500 किलोमीटर की दूरी तक हमला कर सकता है. इसे ‘गेम चेंजिंज’ मिसाइल भी कहते हैं.

इस मिसाइल के जरिए दुश्‍मन के किसी भी बड़े और अतिसुरक्षित ठिकाने को आसानी से बर्बाद किया जा सकता है. राफेल का सबसे खतरनाक हथियार है स्कैल्प पीएल-15 एमराम मिसाइल. जिससे पड़ोसी दुश्मन देशों की हालत खराब हो जाएगी. पाकिस्तान के पास अमेरिका से खरीदा हुआ F-16 फाइटर जेट है, तो चीन के पास अपना बनाया हुआ जे-20 लड़ाकू विमान है.

पाकिस्तान का एफ-16 फाइटर जेट तो भारतीय राफेल के आगे कहीं नहीं टिकता. लेकिन चीन का जे-20 फाइटर जेट कई मामलों में राफेल को टक्कर देता है. लेकिन चीन के फाइटर जेट का जवाब भी हमारे पास है. हमारे राफेल में ऐसे हथियार हैं जो पलक झपकते ही दुश्मन को मौत की नींद सुला दें. राफेल को आता देख दुश्मन को काल दिखाई दे. आइए जानते हैं कि राफेल (Rafale) कैसे पाकिस्तान के एफ-16 और चीन के जे-20 से बेहतर है.

राफेल (Rafale) का कॉम्बैट रेडियस यानी अपनी उड़ानस्थल से जितनी दूर विमान जाकर सफलतापूर्वक हमला कर लौट सकता है, उसे विमान का कॉम्बैट रेडियस कहते हैं. राफेल (Rafale) का कॉम्बैट रेडियस 3700 किलोमीटर है. जबकि, एफ-16 का 4200 किलोमीटर है. वहीं, जे-20 का 3400 किलोमीटर है.

राफेल में तीन तरह की मिसाइलें लगेंगी. हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल. हवा से जमीन में मार करने वाली स्कैल्प मिसाइल. तीसरी है हैमर मिसाइल. इन मिसाइलों से लैस होने के बाद राफेल काल बनकर दुश्मनों पर टूट पड़ेगा.

राफेल में लगी मीटियोर मिसाइल 150 किलोमीटर और स्कैल्प मिसाइल 500 किलोमीटर तक मार कर सकती है, जबकि, HAMMER यानी Highly Agile Modular Munition Extended Range एक ऐसी मिसाइल हैं, जिनका इस्तेमाल कम दूरी के लिए किया जाता है. ये मिसाइल आसमान से जमीन पर वार करने के लिए कारगर साबित हो सकती हैं.


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