छत्तीसगढ़ में 1 जुलाई से नहीं खुलेंगे स्कूल, शिक्षा मंत्री ने कहा- तैयारी में फिलहाल वक्त लगेगा

  • शिक्षा मंत्री ने कहा- उन्होंने कहा कि 30 जून तक तो लॉकडाउन है, इसके बाद दिशा-निर्देश तय होंगे
  • ‘अभिभावकों का भी कहना है कि फिलहाल स्कूल न खोलें, उनकी बात भी सुनेंगे, तब फैसला लेंगे’

रायपुर. प्रदेश में 1 जुलाई से क्या स्कूल शुरू हो जाएंगे..? लाखों पैरेंट्स के मन में यही सवाल है। इस पर राज्य के शिक्षा मंत्री और स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने दैनिक भास्कर से एक्सक्लूसिव बातचीत की। शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह ने कहा कि 1 जुलाई से प्रदेश में स्कूल नहीं खुलेंगे। उन्होंने कहा कि 30 जून तक तो लॉकडाउन ही है। इसके बाद दिशा-निर्देश तय होंगे। ऐसे में 1 तारीख से स्कूल शुरू हो जाएं यह संभव नहीं है। इसमें अभी वक्त लगेगा।

प्रेम साय सिंह ने कहा कि स्कूल खोलने को लेकर तैयारी करनी होगी। सभी स्कूल को साफ किया जाएगा। ऐसे बहुत से स्कूल हैं, जिन्हें वर्तमान में क्वारैंटाइन सेंटर बनाया गया है। उन्हें खाली किया जाएगा, स्कूल भी सैनिटाइज होंगे। केंद्र सरकार की गाइड लाइन का भी इंतजार है। अभिभावकों का भी कहना है कि फिलहाल स्कूल न खोलें, उनकी बात भी सुनेंगे, तब जाकर फैसला लिया जाएगा।

दो दिन बाद केंद्र से वीडियो कॉफ्रेंसिंग हैं, तब चर्चा होगी: सचिव 
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव आलोक शुक्ला ने दैनिक भास्कर से कहा कि अभी किसी तरह का आदेश स्कूलों को खोले जाने को लेकर जारी नहीं हुआ है। दो दिन बाद केंद्र सरकार के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस है। दोपहर दो बजे देश के तमाम स्टेट से बात की जाएगी। स्कूल खोलने को लेकर ही इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में चर्चा होगी। 10 तारीख को कलेक्टर कॉन्फ्रेंस है। इसमें भी हम सभी कलेक्टरों से बात करेंगे। पैरेंट्स से भी राय लेंगे, जो सभी के हित मे होगा वो फैसला किया जाएगा।

फीस को लेकर असमंजस 
स्कूल फिलहाल न खोले जाएं, फीस वसूली के खिलाफ रायपुर के यूथ ऑर्गनाइजेशन वायएमएस यूथ फाउंडेशन ने अभियान छेड़ रखा है। संस्था के महेंद्र सिंह ने बताया कि कई बड़े स्कूल अभिभावकों से बस, फूड मेस और अन्य शुल्क के नाम पर फीस मांग रहे हैं। जबकि स्कूल पूरी तरह से बंद रहे हैं। इस पर शासन को नियंत्रण करना चाहिए। शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह ने फीस के मुद्दे पर कहा कि लॉकडाउन में स्कूल फीस का दबाव न बनाएं, जहां तक नियंत्रण की बात है तो इस वक्त कोई ऐसा नियम नहीं है, जब नियम बनेंगे तब हम नियंत्रण करने की स्थिति में होंगे।

लॉकडाउन और स्कूल शिक्षा 
प्रदेश में करोड़ों बच्चे इन दिनों घर रहकर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। सरकार ने इसके लिए पढ़ई तुंहर दुआर नाम की वेबसाइट बनाई है। प्राइवेट स्कूल भी ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं। लॉकडाउन की वजह से 10वीं और 12वीं में बचे हुए विषयों की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। बच्चों को आतंरिक मूल्यांकन के आधार पर मार्क्स दिए जाएंगे। कक्षा 1 से 8 के साथ 9वीं और 11वीं के बच्चों को जनरल प्रमोशन दिया गया है। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित सभी शासकीय और अनुदान प्राप्त संस्थाओं के विशेष विद्यालयों के 9वीं और 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों को भी पास कर दिया गया है।


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