अपराधियों पर सख्ती की तैयारी – गुंडे-बदमाशों और हिस्ट्रीशीटर को थाने में अपना पैन और खाता नंबर देना होगा

रायपुर. राज्य में पहली बार राजधानी में गुंडे और निगरानी बदमाशों का नया डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। इसमें उनके नाम, पते और मोबाइल के साथ पैनकार्ड नंबर, बैंक खाते का डिटेल और घर के सभी सदस्यों का मोबाइल नंबर देना होगा। इसके लिए रविवार से सभी थानों में बदमाशों की क्लास लगायी जा रही है। बदमाशों को थाने में आकर एक प्रोफार्मा में जानकारी भरकर जमा करनी होगी। यह डेटाबेस कागज और डायरी के साथ-साथ डिजिटल प्लेटफार्म में भी सुरक्षित रखा जाएगा।
ऑन लाइन रिकार्ड होने से पुलिस के अधिकारी जरूरत पड़ने पर कभी भी एक क्लिक में उसे देख सकेंगे। अफसरों के अनुसार इस रिकॉर्ड को राज्य के बाकी थानों के साथ जोड़ने पर भी विचार किया जा रहा है। एसएसपी अजय यादव ने सभी थानेदारों को नया डेटाबेस तैयार कराने के निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने इसके लिए 5 बिंदुओं का प्रोफार्मा बनाया हैं। पुलिस विभाग में जमकर चर्चा है कि यूपी के गैंगस्टर विकास दुबे की विदेशों में करोड़ों की प्रॉपर्टी का पता चलने के बाद पुलिस इस दिशा में काम कर रही है, ताकि बदमाशों पर नजर रखी जा सके। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रायपुर के 31 थानों में 515 से ज्यादा गुंडे-बदमाश और 351 से ज्यादा निगरानी हिस्ट्रीशीटर हैं। थानों में उनके लिए रजिस्टर बनाया गया है, जिसमें उनका नाम, पता, मोबाइल नंबर और अपराध का रिकॉर्ड है। पुलिस अब इस जानकारी को अपडेट करेगी। एक-एक बदमाश का बैंक खाते और पैनकार्ड का नंबर हर थाने में होगा। उसे आगे डिजीटल प्लेटफार्म में लाकर ऑनलाइन किया जाएगा।

ससुराल के साथ दोस्तों का भी देना होगा मोबाइल नंबर
पुलिस ने सभी बदमाशों को दस्तावेज लेकर थाने बुलाया है। उन्हें पैनकार्ड, आधार कार्ड, बैंक पासबुक की फोटोकॉपी जमा करनी है। बदमाशों को अपने घर के सभी सदस्यों का मोबाइल नंबर के अलावा शादीशुदा होने की दशा में ससुराल पक्ष के लोगों, दोस्तों और करीबियों का मोबाइल नंबर व पता देना होगा। उन्हें अपने व्यवसाय या नौकरी की जानकारी भी देनी होगी। कहां काम करते हैं उसका पता भी देना होगा। पिछले 3 माह में कहां गए और किन लोगों से मुलाकात की, इसकी भी जानकारी देनी होगी। उनके घर पर पिछले एक माह के भीतर कौन-कौन आए हैं। ये ब्योरा भी थाने में देना होगा।
इसलिए जानकारी की जा रही अपडेट
एसएसपी यादव ने बताया कि बदमाश अक्सर अपना मकान बदलते रहते हैं। मोबाइल नंबर भी उनके लिए बदलना कोई आम बात नहीं है। नए डेटाबेस से बदमाश पुलिस को चकमा नहीं दे पाएंगे, क्योंकि थाने में दी गई नई जानकारी को क्रॉस चेक किया जाएगा। उस पर हमेशा नजर रखी जाएगी। पैन, आधार और बैंक की जानकारी होने से आर्थिक गतिविधियों को सर्विलांस में रखा जाएगा। हर महीने इसकी जांच की जाएगी। इससे उनके अन्य गतिविधियां का भी पता चल जाएगा। उनके प्रॉपर्टी की भी जानकारी भी खंगाली जाएगी।


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