सुपेबेड़ा में जेनेटिक बीमारी, डायबिटीज व गंदे पानी के कारण फेल हो रही किडनी

 रायपुर/देवभोग | स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि गरियाबंद के सुपेबेड़ा में लोगों की किडनी फेल होने के चार प्रमुख कारण सामने आए हैं। इनमें जेनेटिक बीमारी के साथ मलेरिया, डायबिटीज आैर गंदा पाना सबसे प्रमुख है। उन्होंने कहा कि क्रॉनिक किडनी डिसीज अननोन (सीकेडीयू) भी लोगों की मौत का कारण बन रहे हैं। इससे निपटने सरकार प्रयास कर रही है। पत्रकारों से बातचीत में सिंहदेव ने कहा कि सुपेबेड़ा के पानी की जांच के बाद फ्लोराइड व लेड जैसे दूसरे तत्व भी पाए गए हैं।


लोगों में यह बीमारी धीरे-धीरे फैलती है। शुरुआत में इसका पता नहीं चल पाने के कारण ही लोग गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीम आैर एम्स के डॉक्टर लगातार वहां की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

इसके अलावा वहां पर पीने के पानी के लिए पाइपलाइन बिछाने की प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जाएगी। सिंहदेव ने कहा कि वहां लगभग 200 से 250 लोग पीड़ित हैं, हम वहां के प्रत्येक नागरिक के स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त ध्यान दे रहे हैं।  दो मोबाइल यूनिट वहां भेजे गए हैं। तेल नदी पर ब्रिज की स्वीकृति मिल गई है, फिल्टर प्लांट लगाकर शुद्ध पेयजल की सप्लाई की जाएगी।  उन्होंने बीमारी के लिए आेडिशा के रास्ते आने वाला शराब को भी जिम्मेदार माना है। उनका कहना है कि वहां से आने वाले शराब में यूरिया की मात्रा ज्यादा होती है।

आज सुपेबेड़ा में राज्यपाल अनुसुइया उइके की चौपाल : राज्यपाल अनुसुइया उइके और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव मंगलवार को सुपेबेड़ा पहुंचेंगे। पीड़ितों से बातचीत के बाद वे स्वास्थ्य विभाग के अफसरों से जानकारी भी लेंगी। इस दौरान एम्स डॉक्टरों की एक टीम भी रहेगी।


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