तेलंगाना के वारंगल जिले के गिचिकोंडा पुलिस थाना इलाके के गोर्रेकुंठा में मकसूद का परिवार बोरी बनाने के फैक्टरी में काम करता था, मकसूद की पत्नी की दीदी (साली) की बेटी राफिका भी पश्चिम बंगाल से यहां आयी थी, वह भी यहां बोरी बनाने के फैक्ट्री में काम करती थी. मकसूद के दोस्त संजय को राफिका खाना खिलाती थी, आरोपी संजय ने राफिका से नजदीकी बढ़ाई. संजय से करीबी बढ़ने से राफिका की मां ने मना किया तो उसने शादी का वादा किया.
संजय कुमार यादव ट्रेन में राफिका को लेकर बंगाल गया और उसके परिवार से मिलकर शादी का वादा किया और ट्रेन में वापस लौटते समय छाछ में नींद की गोली मिलाकर पिला दी और बेहोश होने के बाद उसकी गला दबा कर हत्या कर उसे ट्रेन से फेंक दिया. फिर अंजान बनकर दूसरी ट्रेन से वापस आ गया. हालांकि इसकी पुलिस अभी भी जांच कर रही है.
मकसूद का परिवार राफिका की हत्या का आरोप संजय पर लगा रहा था, वह कहां है उस बारे में पूछताछ कर रहा था. साथ ही पुलिस को इस बारे में बताने की बात भी कह रहा था. मामले को दबाने के लिए संजय कुमार यादव ने 18 मई को दवा की दुकान से ढेर सारी नींद की गोलियां खरीदी और 20 तारीख को मकसूद के घर आकर खाने में मिला दी. संजय ने उनके पड़ोसी बिहार के रहने वाले श्रीराम और श्याम के खाने में भी दवा मिला दी. जब सभी बेहोश हो गए तो उन्हें बोरियों में भरकर कुएं में फेंक दिया. पानी में डूबने से उन सबकी मौत हो गई. इस तरह संजय ने एक हत्या को छुपाने के लिए 9 और हत्याएं कर डाली. 10 खून के आरोप में संजय इस वक़्त पुलिस कि गिरफ्त में है. पोस्टमॉर्टम में भी सभी की मौत पानी में डूबने से बताई गई है.