देर रात हुई लूट की घटना फर्जी निकली; फिल्मी कहानी सुनाकर पुलिस को गुमराह किया था, 3 आरोपी गिरफ्तार

रायपुर से भागकर आरोपी पाटन में छुपे थे, युवकों के पास से रुपए बरामद, खुद को लूट का शिकार बताने वाले युवक ने भांजे के साथ मिलकर की थी प्लानिंग

रायपुर। खमतराई थाना पुलिस ने शनिवार देर रात डीआरएम ऑफिस के पास लूट की घटना से पर्दा उठा दिया है। पुलिस का दावा है कि लूट की घटना फर्जी है। पुलिस को फिल्मी कहानी सुनाकर गुमराह किया गया है। पुलिस का कहना है कि खुद को लूट का शिकार बताने वाले युवक ही इस घटना का मास्टरमाइंड निकला। पुलिस ने मुख्य आरोपी समेत इसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। इन युवकों के पास से लूट की रकम 4 लाख 60 हजार रुपए भी बरामद कर लिए गए हैं।

इस तरह पकड़े गए बदमाश

तस्वीर में दिख रहे युवकों ने ही इस फर्जी लूट का जाल बुना था। अब पुलिस की गिरफ्त में हैं। इनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है।

खमतराई के थाना प्रभारी ने बताया कि हमें एक संस्था में मुंशी का काम करने वाले कुलेश्वर साहू ने बताया कि उसके साथ लूट हुई है। जब हम घटना स्थल पर पहुंचे, युवक से बार-बार पूछताछ की तो इसकी बातें गोलमोल थीं। यहीं से जांच टीम को शक हुआ। हमें यह भी पता चला कि कुलेश्वर बीते दो दिनों से अपने पड़ोसी के मोबाइल से अपने भांजे राकेश से बातें कर रहा था। दरअसल, ट्रेस होने के डर की वजह से वह ऐसा कर रहा था। दूसरे के फोन से ही प्लान बनाया गया था। शनिवार की रात कुलेश्वर रुपए लेकर निकला।

प्लान के मुताबिक, उसका भांजा राकेश और योगेश साहू आए और कुलेश्वर से रुपए लेकर दुर्ग जिले के पाटन भाग गए। इधर, कुलेश्वर ने पुलिस को लूट की कहानी सुना दी। कुलेश्वर ने कहा कि दो लुटेरे उसकी बाइक के करीब आए, लुटेरे भी बाइक पर थे। उनमें से एक मेरी बाइक पर कूद गया और रुपए लेकर वापस अपनी बाइक में बैठकर भाग गया। फिल्मी अंदाज के इस बयान की वजह से ही कुलेश्वर पर पुलिस को शक हुआ। कड़ाई से पूछताछ हुई तो सारी बातें आरोपी ने पुलिस को बता दी। रात करीब 2 बजे मोहदा गांव से बदमाश युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया।

कर्ज से परेशान होकर बनाई योजना
कुलेश्वर एक संस्थान में मुंशी का काम करता है। इसे कंपनी के हर लेन-देन की जानकारी होती थी। पिछले कई दिनों से वह कर्ज की वजह से परेशान था। लॉकडाउन की वजह से उपजी आर्थिक तंगी ने दिक्कतें और बढ़ा दीं। लेनदार भी बार-बार कुलेश्वर से रुपए लौटाने की बात कह रहे थे। इससे छुटकारा पाने के लिए कंपनी के रुपयों का गबन करने का प्लान इसने तैयार किया। दुर्ग जिले में रहने वाले अपने भांजे राकेश और उसके दोस्त को इसमें शामिल कर लिया। रुपयों के लालच में इन युवकों ने भी साथ देने की सोची। कुलेश्वर ने सोचा कि सुनसान रास्ते में लूट की कहानी सुनाएगा तो वह नहीं फंसेगा। लेकिन इसकी यही कहानी अब इसे जेल पहुंचाएगी।


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