रायगढ़ । व्यापम की अविवेक पूर्ण नीति की वजह से प्रदेश के 3200 युवाओं का भविष्य अंधकारमय होने का दावा करते हुए युवा भाजपा नेता ओपी चौधरी ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग के जरिये 2019 सेट परीक्षा में उत्तीर्ण छात्रों को सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा में शामिल होने अवसर प्रदान किया जाना चाहिये l युवा नेता ओपी चौधरी ने कहा कि व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने स्टेट एलिजिबल टेस्ट का परिणाम विलंब से रिजल्ट 2020 में घोषित किया । जबकि पीएससी ने सहायक प्राध्यापकों की परीक्षा हेतु आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 20 दिसंबर 2019 निर्धारित की गई थी l विलम्ब से परिणाम आने की वजह से प्रदेश के 3200 युवा इस परीक्षा हेतु आवेदन देने से वंचित रह गए l व्यापम की इस दोष पूर्ण नीति की वजह से युवाओ को परीक्षा में शामिल होने का अवसर नहीं मिलेगा l एक जुलाई 2021 से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का नया नियम लागू हो जाएगा l नई नीति के तहत सहायक प्राध्यापक के लिए सेट के साथ ही पीएचडी की डिग्री आवश्यक हो जाएगी l परीक्षा से वंचित युवाओं को अपने मौलिक अधिकार पाने हेतु हाई कोर्ट की शरण मे जाना पड़ा l परीक्षा से वंचित छात्रों को हक़ के लिए न्यायालय की शरण मे जाने के कदम को ओपी ने निराशाजनक बताया l ओपी चौधरी ने कहा कि व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने सेट परीक्षा के आयोजन के लिए जुलाई 2019 में आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि तय की थी। सितंबर महीने में उम्मीदवारों ने परीक्षा दिलाई। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन और परीक्षा परिणाम जारी करने में व्यापमं ने विलम्ब किया इसलिए परिणाम समय पर नही आ सका l इसी बीच राज्य लोक सेवा आयोग ने विभिन्न विषयों के असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए तिथि घोषित कर दी l आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 20 दिसंबर 2019 तक व्यापमं ने सेट का परिणाम जारी नहीं किया l व्यापमं ने जुलाई के अंतिम दिनों में सेट परीक्षा का परिणाम जारी किया। सेट परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद उम्मीदवारों ने राज्य लोक सेवा आयोग का दरवाजा खटखटाया और व्यापमं द्वारा परिणाम विलंब से जारी करने का हवाला देते हुए असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए आवेदन जमा करने की तिथि बढ़ाने की गुहार लगाई l लेकिन उनकी वाजिब मांग को अनसुना कर दिया गया l जारी प्रेस विज्ञप्ति के जरिये ओपी चैधरी ने राज्यपाल महोदय से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है ताकि युवाओ का भविष्य अंधकारमय होने से बचाया जा सके l