उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा गाइडलाइन दरों का निर्धारण 30 जून 2020 तक के लिए किया गया था। आम नागरिकों की सुविधा के लिए जिसे बढ़ाते हुए 31 मार्च 2021 कर दिया गया है। इसके साथ ही स्टाम्प शुल्क में 30 प्रतिशत की प्रदान की गई छूट भी मिलेगी। इस निर्णय से जमीन की रजिस्ट्री के पश्चात कुल कीमत में कमी आई है, जिसका सीधा लाभ जमीन खरीदने वाले को मिल रहा है। इस फैसले से रियल स्टेट व जमीन की खरीदी बिक्री पर काफी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है। कोरोना संकट के बीच गाइड लाइन दरों में किसी प्रकार का फेर बदल नही किया जाना इस मुश्किल समय मे सरकार का एक महत्वपूर्ण निर्णय है, जिससे भूमि क्रय विक्रय के लिए अनुकूल दशाएं निर्मित हुई हैं साथ ही यह प्रत्यक्ष रूप से लोगों के हित से जुड़ा है।
राज्य शासन के पूर्व के निर्णय जिसके अनुसार 5 डिसमिल से छोटे भूखंडों की रजिस्ट्री की अनुमति दी गई थी। यह भी मध्यम वर्ग के लोगों के लिए काफी राहत देने वाली साबित हुई है। मध्यम वर्ग के लोग जो आवास या अन्य प्रयोजन से जमीन खरीदना चाहते थे तथा ऐसे लोग जिन्होंने इन छोटे भूखण्डों में निवेश किया था और आवश्यकता के समय बेचना चाहते थे शासन के इस निर्णय से उन्हें सीधा लाभ पहुंचा है। राज्य शासन के गाईड लाइन दरों की प्रभावशीलता 31 मार्च 2021 तक बनाये रखने से लोगों को अब पुराने दरों पर ही रजिस्ट्री की सुविधा मिलेगी।
तमनार विकासखण्ड के खम्हरिया ग्राम के राजकुमार बेहरा कृषि भूमि के रजिस्ट्री के लिए पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि शासन के निर्णय से अब पुराने दर पर ही रजिस्ट्री हो सकेगी। जिससे अतिरिक्त राशि नहीं देनी होगी। यह शासन का महत्वपूर्ण व जनहितैषी निर्णय है। इसी प्रकार पड़ीगांव के मंगल प्रसाद प्रधान जो एक सेवानिवृत्त शिक्षक है, पुसौर में घर खरीद रहे है तथा उसके रजिस्ट्री के लिए पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि गाईड लाइन दरें यथावत रहने से घर की कुल कीमत में कमी आयी है, जो मेरे लिए आर्थिक राहत की बात है।
जमीन की खरीदी बिक्री एक महत्वपूर्ण आर्थिक प्रक्रिया है, कोई भी व्यक्ति कृषि कार्य, आवास या व्यवसायिक प्रयोजनों से जमीन खरीदता है। यह न केवल भूमि विक्रेता को आर्थिक लाभ पहुंचाता है अपितु क्रय उपरांत जिस प्रयोजन से वह भूमि खरीदी गई है उसके अनुसार गतिविधियों के संचालन से रोजगार के नए अवसर भी सृजित करता है। यदि किसी व्यक्ति ने आवास बनाने के लिए जमीन खरीदी है तो मकान बनाने से जुड़े लोग मिस्त्री, लेबर, इलेक्ट्रिशन, प्लम्बर, पेंटर तथा हार्डवेयर व्यवसायी को रोजगार मिलता है। वाणिज्यिक गतिविधि के लिए खरीदी गयी जमीन से निर्माण कार्य से जुड़े लोगों के साथ उस व्यवसाय से संबंधित व्यक्तियों को भी रोजगार मिलता है।
रायगढ़ जिले में वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल लक्ष्य के 76.94 प्रतिशत की प्राप्ति हुई है जो कि पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 23 प्रतिशत अधिक है जबकि पंजीबद्ध दस्तावेजों की संख्या 8550 है इसी दौरान पिछले वित्तीय वर्ष में यह संख्या 7766 थी अर्थात कुल 784 दस्तावेज अधिक पंजीकृत हुए हैं। लॉक डाउन के दौरान मई माह में पंजीयन कार्यालय प्रारंभ होने के पश्चात रायगढ़ जिले में कुल 523 रजिस्ट्री हुई है। जिससे कुल 2 करोड़ 2 लाख रुपए 49 हजार रुपए की राजस्व आय की प्राप्ति हुई है।