रायपुर। रायपुर के अभनपुर थाना पुलिस ने झारखंड के जामताड़ा से तीन ठगों को गिरफ्तार किया है। दो सगे भाइयों के इस गैंग ने रिटायर्ड बिजली कर्मचारी से 63 लाख रुपए ठगे हैं। दूसरी लहर में जून में बुजुर्ग के बेटे की कोरोना से मौत हो गई थी। इसके बाद उसका अकाउंट अपडेट करने के नाम पर ये ठग बैंक कर्मचारी बनकर कॉल करते थे और खाते से पैसे निकालते रहे।
एएसपी तारकेश्वर पटेल ने बताया कि अभनपुर निवासी रिटायर्ड बिजली कर्मी अशोक साहू के मृतक बेटे किशोर स्टेट बैंक अभनपुर में खाता था। 17 जून की शाम अशोक को ठगों ने स्टेट बैंक के मैनेजर नाम से फोन किया और कहा कि उनके बेटे का खाता अपडेट करना होगा। उन्होंने लेनदेन किया है, उसे पासबुक में दर्ज करना होगा। उनके बेटे को बैंक की ओर से पैसा दिया जाएगा। पैसा उनके खाते में आएगा। अशोक उनकी बातों में आ गए। उसके बाद उन्होंने ठगों को अपने खाते की जानकारी दे दी। इसके बाद ये सिलसिला चल निकला। ठग उन्हें फोन लगाकर उनसे मोबाइल पर आया ओटीपी पूछते और उनके खाते से पैसे निकाल रहे। इस बीच, अशोक खुद भी जुलाई में कोरोना पॉजिटिव हो गए। इसी आपाधापी में वह अपने बैंक अकाउंट पर नजर नहीं रख पाए। धोखाधड़ी का तब पता चला जब वह 9 अगस्त को बैंक गए। उन्होंने कुछ रुपए निकाले और पासबुक अपडेट कराया। खाते में 63 लाख रुपए कम थे। वह सकते में आ गए और बैंक मैनेजर से मुलाकात की। ट्रांजेक्शन की जानकारी निकलवाई। फिर अभनपुर थाने पहुंचकर केस दर्ज कराया।
ऐसे आए पकड़ में
शिकायत के बाद पुलिस समझ चुकी थी कि इस कांड के पीछे जामताड़ा में बैठे ठगों का हाथ हो सकता है। ऐसी ऑनलाइन ठगी वहीं के लोग करते हैं। पुलिस ने वो फोन नंबर लिए, जिनसे ठगों ने कॉल किए थे। फिर जांच-पड़ताल में पता चला कि बुजुर्ग के अकाउंट से रकम जिन खातों में डाली गई थी, उनका कनेक्शन झारखंड से ही है। फिर क्या था रायपुर की एक टीम झारखंड के लिए रवाना हुई। वहां फोन नंबर्स और बैंक से मिली डिटेल के जरिए पुलिस ने सबसे पहले फूलचंद दास को दबोच लिया। फिर उसका भाई और रैकेट का एक और सदस्य पकड़े गए। पुलिस इन ठगों से जुड़े 10 से अधिक बैंक खातों को सीज कराया है। कुछ और खातों को सीज करने की प्रक्रिया जारी है। इनके पास से पुलिस को 30 हजार रुपए 5 मोबाइल फोन मिले हैं। इन ठगों ने कई फर्जी नामों से बैंक में खाते खुलवा रखे थे।