हाथियों को बचाने के लिए छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी को अपने ही बजट से करवाने होंगे रुपए 1674 करोड़ के कार्य

रायपुर 15 नवंबर 2019 भारत सरकार के पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के एक आदेश से छत्तीसगढ़ की विद्युत वितरण कंपनी को तगड़ा झटका लगेगा. आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में रायपुर निवासी नितिन सिंघवी द्वारा 18 वर्षों में 44 हाथियों की विद्युत करंट से हुई मृत्यु और विद्युत करंट से हो रही मृत्यु के संबंध में दायर जनहित याचिका के पालन में विद्युत वितरण कंपनी ने वन विभाग से 810 किलोमीटर 33 केवी लाइन और 3976 किलोमीटर एलटी लाइन की ऊंचाई बढ़ाने और उसमें एबी केबल लगाने के लिए 1674 करोड रुपए की मांग की थी. छत्तीसगढ़ शासन ऊर्जा विभाग ने भी वन विभाग को पत्र लिखकर राशि उपलब्ध कराने के लिए कहा था.

वन विभाग ने केंद्र शासन से हाथियों को विद्युत करें से बचाने के लिए राशि की मांग की. जिसके जवाब में केंद्र शासन ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय और माननीय एनजीटी के कई आदेशों का हवाला देते हुए वन विभाग को लिखा है कि यह राशि विद्युत वितरण कंपनी को और राज्य शासन को मुहैया करवानी है. माननीय एनजीटी में स्ट्रिक्ट लायबिलिटी के सिद्धांतों का पालन करते हुए हाथियों की विद्युत करंट से हो रही मौतों के लिए वितरण कंपनियों को पूरी तरह जवाबदेह बताया है. उड़ीसा सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी स्टेट सप्लाई को विद्युत करंट से सात हाथियों की मौत होने के पश्चात 4 करोड़ की पेनल्टी माननीय एनजीटी ने लगाई थी. आपको बता दें कि उड़ीसा की ही सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी स्टेट सप्लाई कंपनी को पहले भी हाथियों की मौत होने पर एक करोड़ की पेनल्टी लगाई जा चुकी है.

भारत सरकार पर्यावरण वन मंत्रालय ने लिखा है कि अगर कोई अधिकारी या एजेंसी निर्देशों के पालन में असफल होता है तो उसके विरुद्ध वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, भारतीय दंड संहिता, इलेक्ट्रिसिटी एक्ट और अन्य अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाए. भारत सरकार ने आदेशित किया है की जो भी राशि हो उसकी व्यवस्था छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी और राज्य शासन के बजट से की जावे.

याचिका के निराकरण के वक्त माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने आदेशित किया था की याचिका के निराकरण का यह मतलब नहीं होगा कि उत्तरवादी (वितरण कंपनी) गहरी निद्रा में चली जावे. अच्छे कार्य को चालू करना और उसका फॉलोअप करना उन्हें चालू रखना चाहिए. अगर खुद के लिए नहीं तो आने वाली पीढ़ियों के लिए.

NPG से चर्चा में नितिन सिंघवी ने बताया कि उन्होंने भी विद्युत वितरण कंपनी को पत्र लिखकर शीघ्र कार्यवाही करने का निवेदन किया है और मांग की है कि हाथी विचरण क्षेत्रों में में अवैध विद्युत लाइन और नीचे जाते वायर की लाइन हटाई जावे और वन्यजीवों का शिकार करने के लिए बिछाई जाने वाली इलेक्ट्रिक फेंसिंग न बिछाई जावे यह सुनिश्चित कराया जावे.


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