1,900 बूथों पर मिलेगी दो बूंद ज़िन्दगी की.. जिले में 27 से पिलाई जायेगी 0 से 5 वर्ष तक के शिशुओं को पल्स पोलियो की खुराक.. बीते साल की तुलना में 6,000 अधिक बच्चों का लक्ष्य

रायगढ़. राष्ट्रीय सघन पल्स पोलियो अभियान का आयोजन जिले में 27 फरवरी 2022 को किया जाएगा। पहले दिन बूथ पर तथा 28 फरवरी से 01 मार्च, 2022 तक घर-घर जाकर शून्य से पांच वर्ष तक के लगभग 1.79 लाख बच्चों को पोलियों की दवा पिलाई जायेगी।

अधिकारीयों के अनुसार जिले में 1,79,414 बच्चों को पोलियो वैक्सीन की खुराक दी जाएगीजिसके लिए 1,890 पोलियो बूथ पर 3,780 कर्मचारी और 402 पर्यवेक्षक निर्धारित स्थान जैसे पीलियो बूथ, रेलवे स्टेशन, हाट बजार, बस स्टैण्ड आदि स्थानों पर बच्चों को दो बूंद जिंदगी की पिलाएंगे। रायगढ़ शहर में 133 बूथ, पांच ट्रांजिट टीम, पांच निजी बच्चों के अस्पताल, तीन पीएचसी और एक मेडिकल कालेज में पोलियो बूथ बनाए गए हैं। जिले से उक्त अभियान की सतत् निगरानी को प्रत्येक विकासखण्डों के लिए निगरानी दल का गठन किया गया है। दल के द्वारा 27 फरवरी को बूथ लेवल पर भ्रमण किया जाएगा तथा 28 फरवरी से 01 मार्च तक घर-घर भ्रमण कर अभियान की सतत् निगरानी की जाएगी।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एसएन केशरी और जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ भानू पटेल की देख-रेख में जिले की टीम अभियान को सफल बनाने के लिए भ्रमण करेगी।
स्वास्थ्य विभाग की शहरी क्षेत्र की सुपरवाइजर पुष्पलता पाणिग्रही बताती हैं उनकी तैयारी पूरी हो चुकी हैं। कोविड संक्रमण की तीसरी लहर खत्म हो जाने के बाद और इस टीकाकरण अभियान के शुरू होने में में 15 दिन का अंतर है। स्वास्थ्यकर्मी दोगुने जोश से इस बार पल्स पोडियो अभियान को सफल बनाने में मदद करेंगे। उन्होंने आमजनों से प्रशासन की ओर से अनुरोध किया कि वह अपने बच्चों का पोलियो बूथ पर जरूर भेंजे और दो बूंद जिंदगी की जरूर ग्रहण करने दें। शहरी क्षेत्र में 133 बूथ, 5 ट्रांजिट टीम, 5 निजी बच्चों के अस्पताल, 3 पीएचसी और एक मेडिकल कॉलेज में पोलियो बूथ बनाया गया है।

कोविड टीकाकरण का मिलेगा लाभ
विदित हो कि इस बार जिले में लक्षित बच्चों की तादाद में बढ़ोत्तरी हुई है। बीते साल जिले में 1.73 लाख से ज्यादा बच्चों को पल्स पोलियो की खुराक पिलाए जाने का लक्ष्य रखा गया था और इस साल 1.79 लाख से अधिक बच्चों को पोलियों की दवा दी जाएगी। इस तरह इस साल बच्चों की तादाद 6,000 से अधिक बढ़ी है। जिले की 18 साल से अधिक आबादी का कोविड टीकाकरण लगभग हो चुका है और 15-18 वर्ष के बच्चों का भी लगभग पूरा होने को आया है | ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को उम्मीद है कि पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान को अच्छा प्रतिसाद मिलेगा क्योंकि कोविड को लेकर लोगों में भय अपेक्षाकृत कम रहेगा।

दूरस्थ अंचलों में ज्यादा फोकस
टीकाकरण के बारे में जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस एन केशरी ने कहा, “अभिवाभाक बच्चों को पोलियो बूथ तक जरूर लाएं। केन्द्रों में बच्चों को पोलियो वैक्सीन की दो-दो बूंद पिलाने के लिए शासकीय कर्मचारियों और मितानिनों की तैनाती के साथ ,पल्स पोलियो के लिए मेला एवं बाजार स्थल तथा मोबाइल टीम टीकाकरण के जरिये भी खुराक की व्यवस्था की गई है। हमारा लक्ष्य है सभी बच्चों को पोलियो की खुराक दिलाई जा सके इसके लिए जिले के सार्वजनिक भवनों, बस स्टैण्ड में भी टीकाकरण केन्द्र बनाए गए हैं।“

जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.भानू पटेल ने बताया “आमतौर पर नियमित अंतराल पर हम बच्चों को जरूरी टीका देते ही हैं जिसमें पोलियो का टीका भी शामिल है। भारत पोलियो-मुक्त हो चुका है पर पड़ोसी देशों में अभी भी पोलियो के मरीज हैं इसलिए कोई भी बच्चा नहीं छूटे इस उद्देश्य से सघन पोलियो अभियान हर साल चलाया जाता है। इस साल अभियान की शुरुआत जनवरी से होने वाली थी लेकिन कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की वजह से इसे टाल दिया गया था। बच्चों के स्वास्थ्य के मद्देनजर हर केंद्र में टीकाकरण के दौरान कोविड नियमों का पालन किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की टीमें दूरस्थ अंचल में टीकाकरण की निगरानी में लगी हैं। “


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