दुर्ग थाना पुलिस ने साइबर सेल के साथ मिलकर की कार्रवाई, एक साथी फरार. एक व्यक्ति से बीमा पॉलिसी को अपडेट करने का झांसा देकर 10 लाख रुपए ठगे थे
भिलाई। छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने दिल्ली से एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी ने इंश्योरेंस कंपनी का अफसर बनकर एक व्यक्ति से 10 लाख रुपए की ठगी की थी। पुलिस को उसके पास से फर्जी नामों से खोले गए बैंक अकाउंट नंबर और तमाम दस्तावेज बरामद हुए हैं। पुलिस उसके एक और साथी की तलाश कर रही है।
जानकारी के मुताबिक, दुर्ग के पद्मनाभपुर निवासी शंकर राव कटारे ने साल 2013 में एलआईसी से एक इंश्योरेंस पॉलिसी ली थी। जुलाई-अगस्त में उनके पास अलग-अलग नंबरों से कॉल आया। कॉल करने वालों ने अपना नाम आलोक शर्मा और आशीष शर्मा बताया। साथ ही कहा कि वे इंश्योरेंस ऑफिसर हैं। पॉलिसी अपडेट कराने से ज्यादा फायदा होगा।
6 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कराए गए रुपए
उनकी बातों में आकर शंकर राव ने बताए गए खातों में कई बार में 10 लाख रुपए जमा कर दिए। ठगी का पता चलते पर 23 अगस्त को एफआईआर दर्ज कराई गई। पुलिस जांच में पता चला कि कॉल दिल्ली से किया गया और 6 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किए गए। इन रुपयों को दिल्ली के अलग-अलग एटीएस से निकाला गया।
आरोपियों के नाम और पते भी फर्जी निकले
इस पर पुलिस टीम दिल्ली पहुंची और नंबरों के आधार पर मयूर विहार फेज-1 से आशीष शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि आशीष का असली नाम विराज गुप्ता है और वह न्यू अशोक नगर पूर्वी दिल्ली का रहने वाला है। वह अपने साथी दीपक मेहता उर्फ आलोक शर्मा के साथ मिलकर ठगी कर रहा था। दोनों ने फर्जी नामों से ही खाते खोले।
12 मोबाइल, 14 डेबिट-क्रेडिट कार्ड, फर्जी पैन व वोटर कार्ड मिले
पुलिस ने विराज गुप्ता के पास से 12 मोबाइल, चार्जर, 10 सिम, 14 डेबिट और क्रेडिट कार्ड, कस्टमर के नाम व नंबर लिखी 5 डायरियां, आशीष शर्मा के नाम का वोटर और पैन कार्ड, आलोक शर्मा के नाम का वोटर और पैनकार्ड, 7 चेकबुक और 17 हजार रुपए बरामद किए हैं। साथ ही बैंक खातों में पड़े 4.5 लाख रुपयों को फ्रीज कराया है।