रायगढ। रायगढ़ के युवा विधायक प्रकाश नायक ने जामगाव स्थित एमएसपी प्लांट द्वारा बरती जा रही लापरवाही व खामियों को लेकर विधानसभा में ध्यानाकर्षण लगाया है। ध्यानाकर्षण में उन्होने कहा कि रायगढ के पूर्वांचल में एमएसपी स्टील एवं पावर लिमिटेड स्थापित है जो शासन प्रशासन की मिली भगत से नियमों की खुलेआम धज्जियां उडा रही है। उक्त उद्योग के द्वारा नियम कानून को ताक पर रखकर अपने निजी उपयोग के लिए ग्राम मनुआपाली से जामगांव डीपापारा के लिए निर्मित प्रधानमंत्री ग्राम सडक में भारी वाहनों के उपयोग से सडक पूर्ण रुप से क्षतिग्रस्त होकर चलने लायक भी नहीं बचा है। एमएसपी स्टील के द्वारा ग्राम बलभद्रपुर चौक से बलभद्रपुर के लिए वन भूमि में मात्र 8 फीट चौड़ी सडक को जो केवल ग्रामीणों के उपयोग के लिए है, को कंपनी के वेस्ट मटेरियल इत्यादी को फेंकने के लिए बडी गाडियां ले जाने हेतु सडक को कब्जा कर भारी वाहनों के आवाजाही हेतु सडक को कब्जाकर बिना अनुमति के 20 से 30 फीट चौडाकर वन विभाग के हजारों पेडो की बलि चढाई गई है।
उक्त कंपनी के द्वारा अपने प्लांट के किनारे किनारे शासकीय जमीन को बेजा कब्जाकर भारी वाहनों के आवाजाही हेतु सैकडो पेडो की बलि चढाई गई है कंपनी के द्वारा कारखाने के औद्योगिक अपष्टि जैसे फ्लाईऐस, स्लेग, बैड मटेरियलस, किलन डस्ट आदि को यंत्र तंत्र फेक दिया जा रहा है। जिसके कारण ग्रामीणों का चलना फिरना मुश्किल हो गया है। कंपनी के किनारे से लग कर एक जिंदा नाला बहती थी जिसे कंपनी के द्वारा बंद कर उसमें कारखाने का गंदा पानी छोडा जा रहा है जो आगे जाकर नदी में मिलने से नदी का पानी उपयोग लायक नहीं रह गया है। उक्त कंपनी के भीतर नियम से अधिक डायामीटर के लगभग 75 टयुबेल संचालित है जिसमें से मात्र 25 की ही अनुमति प्राप्त है।
कंपनी के लिए जल की आपूर्ति हेतु मानकेश्वरी से बेलरिया मुख्य नदी में इंटकवेल बनाकर अनुबंध से अधिक मात्रा में पानी लिया जाता है। जिसके कारण नदी के नीचे पानी बहना ही बंद हो जाने से एक बहुत बडे जनसंख्या को जल संकट का सामना करना पडता है। बलभद्रपुर वेस्ट माल डंपिंग क्षेत्र में 25-30 किसानों की निजी जमीन में जबरिया माल डंप कर दिया जा रहा है साथ उक्त जमीन को फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर खरीदी की गई है जिसका अपील भी किसानों के द्वारा न्यायालय में किया गया है। उक्त कंपनी के द्वारा प्रभावित क्षेत्रों के लिए दिए जाने वाले सीएसआर की राशि भी वर्षों से जमा नहीं किया जा रहा है, न ही जलकर की राशि सरकार के खाते में जमा की जा रही है। इस तरह कंपनी के मनमानी रवैये से क्षेत्र के किसानों एवं आम नागरिकों में आक्रोष देखा जा रहा है।