विकास कार्य रोकने पहुंचे नक्सलियों से ग्रामीणों की हिंसक झड़प, पत्थर-तीरों के हमले से एक नक्सली मारा गया


ओडिशा के मलकानगिरी के जंतुरई गांव में शनिवार देर रात की घटना, एक अन्य घायल नक्सली को पुलिस ने गिरफ्तार किया
काम रोकने को लेकर धमका रहे नक्सलियों का ग्रामीणों ने विरोध किया तो फायरिंग की गई, इस पर ग्रामीणों का गुस्सा फूटा

सुकमा. छत्तीसगढ़ के सुकमा से सटे ओडिशा के मलकानिगरी जिले में शनिवार देर रात ग्रामीणों और नक्सलियों के बीच हिंसक झड़प हो गई। विकास कार्यों को रोकने और गणतंत्र दिवस नहीं मनाने देने के लिए नक्सली वहां पहुंचे, तो लाेगों ने विरोध किया। इस पर नक्सलियों ने फायरिंग कर दी। इससे गुस्साए ग्रामीणों ने उन पर तीरों और पत्थरों से हमला कर दिया। हमले में एक नक्सली मारा गया, जबकि एक अन्य घायल हो गया। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने घायल नक्सली को गिरफ्तार कर लिया।

जानकारी के मुताबिक, ओडिशा के मलकानगिरी जिले में स्वाभिमान आंचल इलाके के जन्तुरई गांव में शनिवार देर रात नक्सली घुस आए। नक्सलियों ने ग्रामीणों को धमकाया कि सड़क निर्माण को रोेेक दिया जाए। साथ ही गणतंत्र दिवस नहीं मनाने को लेकर चेतवानी भी दी। इसका ग्रामीणों ने विराेध किया तो नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इस पर ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने तीर-धनुष और पत्थरों से नक्सलियों पर हमला कर दिया। इस हमले में एक नक्सली मारा गया, जबकि एक घायल हो गया।

ग्रामीणों काे भारी पड़ता देख नक्सली मौके से भाग निकले। इसके बाद ग्रामीणों ने घायल नक्सली और दूसरे नक्सली के शव को हंतलागुड़ा स्थिति बीएसएफ कैंप के जवानों को सौंप दिया। मारे गए नक्सली का नाम एडम है। उस पर पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित किया था। जबकि गिरफ्तार नक्सली का नाम जिप्रू है। उस पर 4 लाख का नाम था। जिप्रू गंभीर रूप से घायल हो गया है। उसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। घटना के बाद गांव और आसपास के इलाके में सर्चिंग बढ़ा दी गई है।

ग्रामीणों से हुई झड़प और साथी की मौत से गुस्साए नक्सली कुछ घंटे बाद फिर से गांव में लौटे। इस बार उन्होंने लोगों के घराें में आग लगा दी। इस आग की चपेट में आने से 10 घर जल गए। वहीं लोगों के घरों में रखा सामान और वाहन भी आग की चपेट में आकर जलकर खाक हुए हैं। इसके चलते ग्रामीण काफी डर गए और वहां से भागकर कुंतुरपदर पुलिस शिविर में शरण ली है। मलकानगिरी के एसपी ऋषिकेश खिलारी ने बताया कि माओवादियों ने उम्मीद नहीं की थी कि ग्रामीण इस तरह का विरोध करेंगे। सुरक्षाबलों ने गांव जाकर स्थिति का जायजा लिया है।


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