गरियाबंद. ओडिशा से हाल ही में लौटे एक परिवार की जांच करने गोहरापदर गांव गई स्वास्थ्य विभाग की टीम का ग्रामीणों ने घेराव कर दिया। ग्रामीण स्वास्थ्य अधिकारियों से बहस करने लगे। मारपीट की भी नौबत आ चुकी थी, तभी मदद के लिए पुलिस पहुंची और टीम को गांव से बाहर निकाला गया। दरअसल, जिस परिवार की जांच करने टीम पहुंची थी, उसने ओडिशा जाने की जानकारी छुपाई थी। परिवार स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता के सरंक्षण में ही ओडिशा गया था। खुद पर कार्रवाई होने की आशंका में स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने ग्रामीणों को अधिकारियों के खिलाफ भड़का दिया था। मौके पर एक हजार की भीड़ बताई गई।
यह पूरा मामला
गांव की गर्भवती महिला यशोदा बाई उसके पति दुखु राम समेत परिवार के 4 लोग इलाज के लिए ओडिशा गए। ओडिशा का कालाहांडी जिला यहां से करीब है। कालाहांडी में 2 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, प्रशासन ने लोगों को वहां जाने से मना किया है। बावजूद इसके 14 अप्रैल को परिवार जंगल के रास्ते वहां गया। गांव में पदस्थ स्वास्थ्य कार्यकर्ता हरीश साहू को इसकी जानकारी थी। जिला प्रशासन को भी इसकी जानकारी मिली तो परिवार को ओडिशा में रुकने कहा गया था। 20 अप्रैल के ग्रामीण अपनी मर्जी से गांव लौट आए।
इन्हीं की जांच करने ब्लॉक मेडिकल अफसर मौके पर पहुंचे। पूछताछ में हरीश साहू की लापरवाही उजागर हुई। ग्रामीणों ने हरीश के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी और अधिकारियों को घेर लिया। बीएमओ सुनील भारती ने कहा कि मौके से ही इसकी सूचना विभाग के बड़े अफसरो के अलावा एसडीएम व थाना स्टाफ को दी गई। पुलिस ने भीड़ को खदेड़ा और टीम को ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ाया गया। अब बीएमओ ने इस पूरे मामले की लिखित शिकायत थाने में की है। थाना प्रभारी सत्येन्द्र श्याम ने कहा कि मामले में आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।