झीरम घाटी हमले और भीमा मंडावी हत्याकांड का मास्टरमाइंड विनोद की भी संक्रमण के चलते मौत… 15 लाख का था इनाम

जगदलपुर/दंतेवाड़ा. कोरोना की दूसरी लहर नक्सलियों पर कहर बनकर टूट रही है। एक के बाद एक हार्डकोर नक्सली कमांडर महामारी से ढेर हो रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार रात इनामी नक्सली विनोद की भी संक्रमण के चलते मौत हो गई। वह 2013 में हुए झीरम घाटी नक्सली हमले और 2019 में दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी की हत्या का मास्टरमाइंड था। विनोद पर छग सरकार ने 10 लाख और नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने 5 लाख रुपए का इनाम रखा था। दंतेवाड़ा SP ने उसकी मौत की पुष्टि की है।

दंतेवाड़ा जिले के नहाड़ी गांव का रहने वाला विनोद उर्फ हेमला हूंगा उर्फ चप्पे हूंगा पिछले कई दिनों से शुगर, बीपी, मलेरिया और टीबी जैसी बीमारी से जूझ रहा था। पिछले कुछ दिन पहले कोरोना का भी शिकार हो गया था। दंडकारण्य के जंगल में साथी इसे इलाज के लिए लेकर घूम रहे थे। विनोद का देसी इलाज किया जा रहा था लेकिन, उसकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ।

25 मई 2013 को दरभा इलाके के झीरम में नक्सलियों ने कांग्रेस के काफिले पर हमला किया था। इस घटना में बस्तर टाइगर कहे जाने वाले वरिष्ठ कांग्रेसी नेता महेंद्र कर्मा, विद्याचरण शुक्ल समेत 27 से ज्यादा नेता और जवान शहीद हुए थे। इसके अलावा 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान दंतेवाड़ा के श्यामगिरी में IED ब्लास्ट कर दंतेवाड़ा के विधायक भीमा मंडावी , 3 जवान और एक ड्राइवर की हत्या की घटना का मास्टर माइंड था। सिर्फ दंतेवाड़ा जिले के थानों में ही विनोद पर कुल 40 से ज्यादा नामजद केस दर्ज हैं।

सुकमा और दंतेवाड़ा के बॉर्डर इलाके में नया पुलिस कैंप खोला जाना है। लेकिन, यहां कैंप स्थापित करना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी, क्योंकि यह गांव नक्सली कमांडर विनोद का था। सूत्र बताते हैं कि इलाके में पुलिस कैंप खुलने की खबर जब विनोद को लगी थी, तब इसने संकल्प लिया था कि चाहे कुछ भी हो जाए अपने गांव में पुलिस कैंप स्थापित होने नहीं दूंगा। हाल ही में विनोद के दबाव पर ही ग्रामीणों ने कैंप का भी विरोध किया था। दंतेवाड़ा पुलिस के लिए भी यहां कैंप खोलना सबसे बड़ी चुनौती थी। लेकिन, अब विनोद की मौत के बाद पुलिस जल्द ही यहां कैंप स्थापित कर सकती है।

विनोद की बनाई योजना में नक्सलियों को लगातार कामयाबी मिल रही थी। इसे देखते हुए नक्सल संगठन ने विनोद को एक साथ 2 से 3 बड़ी जिम्मेदारी दी थी। वर्तमान में विनोद दरभा डिवीजन का कमांडर था। साथ ही इस पर मलांगिर एरिया कमेटी इंचार्ज व डिवीजन कमेटी DKMAS इंचार्ज की भी जिम्मेदारी थी। विनोद अपने पास AK-47 हथियार रखता था। दरभा डिवीजन नक्सलियों की सबसे मजबूत एरिया कमेटी है।

दंतेवाड़ा के SP डॉ अभिषेक पल्लव ने बताया कि सोमवार की रात नक्सली कमांडर विनोद की बीमारी के कारण मौत हो गई है। यह पिछले कई दिनों से बीमार था। अब भी नक्सलियों के कई बड़े लीडर कोरोना से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों को भी खतरे में डाल रहे हैं। हम लगातार बीमार नक्सलियों से अपील कर रहे हैं कि वे सरकार के सामने अपने हथियार डाल दें। हम उनका इलाज करवाएंगे।

10 जून को 8 लाख रुपए के इनामी नक्सली कट्टी मोहन राव उर्फ दामू दादा की मौत हुई थी। 21 जून की सुबह 40 लाख रुपए के इनामी नक्सली हरिभूषण ने भी बीमारी के चलते दम तोड़ दिया था। 22 जून को कट्टी मोहन राव की पत्नी भारतक्का की भी कोरोना से मौत ही गई थी। नक्सली, देवा, रूपी, गंगा, सुदरु, मुन्नी, रीना भी कोरोना से दम तोड़ चुके हैं।

साभार दैनिक भास्कर


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