इसी के साथ विराट का बतौर कप्तान आइपीएल ट्राफी जीतने का सपना अधूरा ही रह गया। वैसे वह अकेले नहीं बल्कि कई भारतीय दिग्गज का करियर इस निराशा के साथ ही खत्म हुआ है। इससे पहले दिग्गज सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और राहुल द्रविड़ जैसे भारतीय धुरंधर को अपने क्रिकेट करियर के दौरान आइपीएल फ्रेंचाइजी टीम को ट्राफी नहीं दिला पाए थे।
IPL में निराशा के साथ कप्तानी का अंत
विराट कोहली का नाम इस लिस्ट में सबसे उपर आएगा क्योंकि उनको आरसीबी की कप्तानी करने का मौका काफी सालों तक मिला। फ्रेंचाइजी टीम ने उनपर लंबे समय तक भरोसा बनाए रखा बतौर खिलाड़ी वह सफल रहे लेकिन टीम को कभी ट्राफी नहीं जिता पाए। कुल 140 मैचों में कप्तानी करने के बाद भी विराट के कप्तानी करियर का अंत निराशा के साथ हुआ।
दूसरे स्थान पर दिग्गज वीरेंद्र सहवाग का नाम आता है। दिल्ली की तरफ से खेलने वाले इस खिलाड़ी ने 52 मैच में कप्तानी की लेकिन टीम को ट्राफी नहीं दिला पाए। इसके बाद दिग्गज सचिन तेंदुलकर का नाम दर्ज है। उन्होंने मुंबई इंडियंस के लिए 51 मैचों में कप्तानी संभाली लेकिन एक बार भी आइपीएल की ट्राफी जीतने में कामयाब नहीं हुए।
रायल चैलेंजर्स बैंगलोर और राजस्थान रायल्स की कप्तानी का जिम्मा संभालने वाले राहुल द्रविड़ के आइपीएल कप्तानी का अंत भी बिना ट्राफी के हुआ। उन्होंने कुल 48 मैच (34 राजस्थान रायस्स और 14 रायल चैलेंजर्स बैंगलोर) में कप्तानी की थी।