जाजंगीर-चांपा. छत्तीसगढ़ के क्वारैंटाइन सेंटर में मौत का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी है। अब जांजगीर चांपा के दो अलग-अलग क्वारैंटाइन सेंटर में एक गर्भवती महिला और एक श्रमिक की मौत हो गई। दोनों ही अपने परिवार के साथ 5 दिन पहले सेंटर में पहुंचे थे। एक मामला हथनेरा का है और दूसरा हसौद के सरकारी स्कूल में बनाए गए क्वारैंटाइन सेंटर का। दोनों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जा रहे हैं।
प्रसव पीड़ा होने पर महिला को भर्ती कराया गया था अस्पताल में
शिवरीनारायण क्षेत्र के ग्राम पंचायत लोहर्षि निवासी लक्ष्मीन बाई साहू (25) सात माह की गर्भवती थी। वह 5 दिन पहले अपने पति, सास और 3 साल की बेटी के साथ श्रमिक स्पेशल ट्रेन से जम्मू से लौटी थी। यहां पहुंचने पर उसे परिवार के साथ ही हथनेवरा के क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया था। गुरुवार को महिला को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। इस पर स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी गई और महिला को अस्पताल ले गए।
वहां प्रसव के दौरान महिला ने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों का कहना है कि महिला के पेट में पहले ही बच्चे की मौत हो चुकी थी। इसके कारण इंफेक्शन हो गया और उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि गर्भ में बच्चे की मौत होने का पता किसी को नहीं चला। इसके कारण इंफेक्शन बढ़ता चला गया। महिला काफी कमजोर थी। वहीं परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में सही इलाज नहीं किया गया, जिसके चलते महिला व बच्चे की मौत हुई।
लीवर खराब होने से श्रमिक की हुई मौत
दूसरी ओर जैजैपुर के तुषार गांव निवासी रंजीत मजदूरी करता था। उसे परिवार के साथ हसौद के सरकारी स्कूल में बनाए गए क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया था। गुरुवार रात को उसकी अचानक से तबीयत खराब हो गई। इस पर उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां शुक्रवार को उसने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों ने बताया कि रंजीत का लीवर खराब हो चुका था। जब उसे अस्पताल लाए तो इंटरनल ऑर्गन फेल थे। रंजीत 5 दिन पहले ही पंजाब से लौटा था।