रायपुर. रोजगार की मजबूरियों के चलते उत्तर प्रदेश में रह रहे छत्तीसगढ़ के मजदूर दंपति की मौत हो गई। घटना बुधवार देर रात उस वक्त हुई जब यह साइकिल से बेमेतरा आने के लिए रवाना हुए। साइकिल की पिछली सीट पर मां की गोद में बच्चे थे और पिता घर जाने की आस में साइकिल को रफ्तार दे रहा था। लखनऊ के शहीद पथ पर किसी अज्ञात वाहन ने इन्हें टक्कर मर दी। इस हादसे में मजदूर दंपत्ति ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। गंभीर रूप से घायल दोनों बच्चों का इलाज लोहिया अस्पताल में किया जा रहा है। मृतकों की पहचान कृष्णा और प्रमिला के तौर पर हुई है। लखनऊ के जानकीपुरम इलाके में यह परिवार रहता था।
चंदा लेकर करना पड़ा अंतिम संस्कार
गुरुवार को मृतकों का अंतिम संस्कार उनके परिजनों ने करवाया। कृष्णा के भाई राजकुमार के अनुसार लॉकडाउन के चलते कृष्णा के पास कोई काम नहीं था। बचत के पैसे भी खत्म हो चुके थे। राजकुमार के पास भी आर्थिक तंगी के चलते शवों के अंतिम संस्कार का पैसा नहीं था, तब कुछ अन्य मजदूरों ने चंदा करके 15 हज़ार रुपये जुटाए। गुलाला घाट पर पति-पत्नी का अंतिम संस्कार किया गया। लखनऊ पुलिस के डीसीपी सोमेन वर्मा ने बताया- सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में शहीद पथ पर हुई इस घटना के बाद दंपति के दो बच्चे 3 साल का बेटा निखिल और 4 साल की बेटी चांदनी घायल हैं। दोनों को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सीएमओ का ट्वीट
श्रमिक साथियों की संख्या बहुत अधिक है, हमने रेल मंत्रालय से ट्रेनें मांगी हैं, हम उनके जवाब की प्रतीक्षा कर रहे हैं ताकि हम अपने श्रमिक साथियों को सकुशल वापस ला सकें।
यह दुर्घटना दुःखद है। https://twitter.com/thealokputul/status/1258656679794794496 …Alok Putul@thealokputulछत्तीसगढ़ के कृष्णा साहु और उनकी पत्नी अपने दो छोटे बच्चों के साथ लखनऊ से साइकिल से निकले थे. बुधवार की रात एक गाड़ी ने उन्हें कुचल दिया. दोनों की मौत हो गई, बच्चे अनाथ हो गये. यह दर्ज़ किया जाये कि छत्तीसगढ़ से अब तक एक भी बस, ट्रेन मज़दूरों को लेने कहीं नहीं गई.@bhupeshbaghel
सोशल मीडिया के जरिए इस घटना की जानकारी छत्तीसगढ़ की सरकार को मिली। मुख्यमंत्री कार्यालय के आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट सीएमओ छत्तीसगढ़ की तरफ से ट्वीट किया गया। इस ट्वीट में लिखा गया-श्रमिक साथियों की संख्या बहुत अधिक है, हमने रेल मंत्रालय से ट्रेनें मांगी हैं, हम उनके जवाब की प्रतीक्षा कर रहे हैं ताकि हम अपने श्रमिक साथियों को सकुशल वापस ला सकें। यह दुर्घटना दुःखद है। इससे पहले 6 मई को नागपुर से झारखंड पैदल जा रहे मजदूर की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। वह 400 किमी की दूरी तय करके बिलासपुर तक पहुंच गया था।