राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित होंगे छत्तीसगढ़ के नन्हे जांबाज, जान की परवाह किए बिना बचाई थी जिंदगियां

रायपुर. अपनी जान की परवाह किए बगैर दूसरों की जान बचने वाली छत्तीसगढ़ की दो बहादुर बच्चियों को साल जनवरी में नई दिल्ली में राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार 2019 से नवाजा जाएगा।

छत्तीसगढ़ राज्य बल कल्याण परिषद ने अदम्य सहस का परिचय देने के लिए धमतरी जिले की भामेश्वरी निर्मलकर और सरगुजा जिले की कांति सिंह को वीरता पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है।

भामेश्वरी ने गहरे पानी से बच्चियों को निकाला ही नहीं होश में भी ले आई
धमतरी जिले के कानीडबरी गांव में 12 साल की भामेश्वरी पिता जगदीश नेमलकर ने गांव की दो बच्चियों को तालाब में डूबने से बचाया। कक्षा सातवीं की छात्रा भामेश्वरी को खुद तैरना नहीं आता है। बता दें कि 17 अगस्त 2019 को गांव की दो बच्ची सोनम और चांदनी तालाब में नहाने गई थी। दोनों नहाते हुए तालाब की गहराई में ची गई और डूबने लगाई।

उसी वक्त भामेश्वरी भी वहां पहुंची और दोनों बच्चियों को डूबता देख तालाब में छलांग लगा दी। गहराई में दोनों बच्चियां भामेश्वरी ने पकड़ा और किसी तरह खींचकर किनारे तक ले आई। बाद में भामेश्वरी ने एक महिला की मदद से अचेत पड़ी दोनों बच्चियों को होश में ले आई। घटना की जानकारी मिलने पर जिले के कलेक्टर ने वीरता पुरस्कार के लिए बच्ची के नाम की अनुशंसा की।

कांति मासूम बच्ची को साइन में दबाकर हाथियों के घेर से निकलकर ले आई
हाथियों के आतंक से त्रस्त सरगुजा जिले के मोहनपुर गांव की रहने वाली 9 साल की बच्ची कांति ने बहादुरी का परिचय सेट हुए जंगली हाथियों के दल से अपनी बहन की जान बचाई। चौथी कक्षा की छात्रा ने पिछले साल मात्र 8 साल की उम्र में यह कारनामा कर दिखाया था। 17 जुलाई 2018 को जंगली हाथियों का एक बड़ा दल गांव में घुस गया। दल को देख ग्रामीण अपने घरों से निकल कर भागने लगे। इस दौरान हठी खुर्रम कंवर के घर को तोड़ते हुए उनकी बाड़ी में घुस गए। कांति का परिवार भी घर से भाग गया।

इसी बीच हड़बड़ी में वे 3 साल की बच्ची को ले जाना भूल गए। तब की बच्ची को ले जाना भूल गए। तब तक हाथियों का दल उनके घर को घेर लिया। ऐसे में कांति ने हाथियों के बगल में फुर्ती से निकलती हुई घर पहुंची और अपनी छोटी बहन को सीने में दबाएं तेजी से निकल आई।

कांति को मिल चुका है राज्य वीरता पुरस्कार
साल 2019 में कांति के इस साहसिक कदम की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी प्रशंसा कर चुके है। इस साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर रायपुर में आयोजित कार्यकर्म में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांति को यह सम्मान प्रदान किया था।


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