मंत्रियों, विधायकों और कर्मचारियों ने भी सहयोग के लिए बढ़ाया कदम, सभी कर्मचारियों ने एक दिन का वेतन दिया तो 350 करोड़ से ज्यादा रुपए होंगे जमा
रोज कमाकर खाने वालों के सामने आने वाली दिक्कतों को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोगों से की है सहायता कोष में दान करने की अपील
रायपुर. कोरोनावायरस से लड़ने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार के साथ ही नेता, मंत्री, कर्मचारी एकजुट हो गए हैं। अब छत्तीसगढ़ के शिक्षाकर्मी सबसे बड़ी सहायता राशि दान करेंगे। इसके लिए बुधवार को प्रदेशभर के दो लाख से ज्यादा शिक्षकों ने अपना एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में देने की घोषणा की है। यह राशि 31 करोड़ रुपए से ज्यादा होती है।
छत्तीसगढ़ में तीन दिन से पहले ही लॉकडाउन चल रहा है। अब 14 अप्रैल तक का लॉकडाउन किया गया है। ऐसे में सबसे बड़ी समस्या रोज कमाकर खाने वालों के सामने है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सबसे सहायता कोष में अंशदान करने के लिए अपील की है। राज्य के करीब 2.10 लाख शिक्षाकर्मियों ने अपने एक दिन का वेतन करीब 31.50 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है।
शिक्षक संगठनों का कहना है कि आपदा की इस घड़ी में वे सभी सरकार के साथ हैं। इसके लिए हम सब एकजुट होकर आगे आएंगे और सहायता करेंगे। इस संंबंध में शिक्षकों ने सहमति दे दी हैं। वहीं प्रदेश के सभी कर्मचारी भी अपना एक दिन का वेतन देंगे। इसको लेकर चर्चा की जा रही है। अगर ऐसा होता है ताे कर्मचारियाें के एक दिन का वेतन करीब 350 करोड़ रुपए मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा होगा।
