लॉकडाउन: ग्राहकों के 8 हजार करोड़ दबाकर बैठी हैं एयरलाइंस, एजेंटों से हो रही किचकिच

लॉकडाउन का दूसरा चरण शुरू होने से उड़ानें 3 मई तक रोक दी गई हैं, कई एयरलाइंस ने 14 अप्रैल के बाद के टिकट बुक कर लिए थे, अब वे पैसा लौटाने की जगह फिर आगे यात्रा का विकल्प दे रही हैं, इसको लेकर ग्राहकों और ट्रैवल एजेंट से उनकी खूब हो रही किचकिच

लॉकडाउन का दूसरा चरण 3 मई तक लागू हो जाने की वजह से सभी एयरलाइंस की उड़ानों पर फिर से रोक लग गई है. हालांकि कई एयरलाइंस ने 14 अप्रैल के ​बाद के टिकट बुक करने शुरू कर दिए थे और अब वे ग्राहकों का पैसा लौटाने को तैयार नहीं. इसको लेकर एजेंटों से उनकी खूब किचकिच हो रही है. एजेटों का कहना है कि कई ग्राहक तो शिकायत लेकर पुलिस के पास चले गए हैं.

गौरतलब है कि मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना पर काबू पाने के लिए देश में लॉकडाउन को आगे बढ़ाते हुए इसे 3 मई तक करने का ऐलान किया. इसलिए देश में कॉमर्शियल यात्री विमानन सेवाओं पर भी रोक जारी है. विमानन कंपनियों ने इसके पहले 25 मार्च से 14 अप्रैल की अवधि के लिए बुक किए गए टिकटों की राशि लौटाने के बजाय ग्राहकों को बदली तिथियों पर टिकट बुक करने की सुविधा दी थी.

यही नहीं, एअर इंडिया को छोड़कर अधिकतर विमानन कंपनियों ने 14 अप्रैल के बाद की अवधि के लिए घरेलू उड़ानों की बुकिंग भी जारी रखी थी. लेकिन अब भी एयरलाइंस पैसा लौटाने को तैयार नहीं और अब फिर आगे यात्रा करने का विकल्प दे रही हैं. इसके लिए वे क्रेडिट शेल ऑफर कर रही हैं, जिस पर यात्री लॉकडाउन खुलने के बाद यात्रा कर सकेंगे.

देने को तैयार नहीं पैसा

इसको लेकर ट्रैवल एजेंटों से उनकी खूब किचकिच हो रही है. एक अनुमान के अनुसार एयरलाइंस के पास इस तरह का करीब 8,000 करोड़ रुपया पड़ा हुआ है. एयरलाइंस पहले से ही नकदी की किल्लत का सामना कर रही हैं, इसलिए यह पैसा वे अपनी जेब से निकालने को तैयार नहीं दिख रहीं. इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) की सलाह पर उन्होंने कैंसिल टिकट को क्रेडिट शेल में बदलने का आसान रास्ता अपना लिया है.

ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (TAAI) की प्रेसिडेंट ज्योति मयाल ने कहा, ‘अपना पैसा वापस करने की मांग को लेकर ग्राहक हमारे सिर पर खड़ा है. हम उन्हें क्रेडिट शेल देते हैं तो उन्हें भरोसा नहीं है कि कब और कैसे वे इसका इस्तेमाल कर पाएंगे. पंजाब और दक्षिण के कई राज्यों में तो ग्राहकों ने पुलिस में जाकर शिकायत कर दी है. हम इसके पहले किंगफिशर और जेट जैसे मामलों में अपने हाथ जला चुके हैं. हम अब फिर से कोई समस्या मोल नहीं लेना चाहते. बकाया रकम हमें हमारे सिस्टम में नकद वापस चाहिए.’ इस संगठन से देशभर के 2700 एजेंट जुड़े हैं जिनमें मेक माय ट्रिप और यात्रा जैसे बड़े खिलाड़ी भी शामिल हैं.

क्या है क्रेडिट शेल

असल में क्रेडिट शेल का मतलब एयरलाइंस की तरफ से कैंसिल टिकट के बदले मिलने वाला एक नोट है जिसका इस्तेमाल कर ग्राहक आगे की टिकट बुकिंग कर सकेंगे. यानी उनका पैसा एयरलाइंस के पास जमा रहेगा और उतनी रकम की टिकट वे आगे बुक कर सकेंगे, लेकिन उन्हें पैसा वापस नहीं मिलेगा.

ट्रैवल एजेंट्स का कहना है कि उन्होंने या उनके ग्राहकों ने एयरलाइंस को पूरा पैसा नकद दिया है तो उन्हें नकद वापस भी करना चाहिए, यह क्रेडिट शेल देने का क्या मतलब है.


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