ये हैं कोरोना के असली फाइटर्स, कोई पर्दे के पीछे रहकर तो कोई प्रत्यक्ष रूप से निभा रहा अपना फर्ज, इनके जज्बे को सलाम

कोरबा. लॉकडाउन के दौरान कोरोना फाइटर्स द्वारा हमें किसी भी प्रकार की कमी का एहसास नहीं होने दिया जा रहा है। खाना, राशन, सब्जी से लेकर पानी तक सप्लाई निर्धारित समय पर हो रही है। सामाजिक संगठनों व स्वयंसेवियों ने भी कोई भूखा नहीं सोए इसका ध्यान रखा है। जिला प्रशासन का लगातार सहयोग कर रहा है। इसके अलावा कई ऐसे भी स्वयंसेवी, संस्थान व जिला के हर नागरिकों ने अपनी अहम भूमिका निभा रहा है, जिन्होंने इस कठिन परिस्थिति में जरूरतमंदों की मदद में लगे हुए हैं। हर वे नागरिक जिन्होंने अपनी जिम्मेदारी समझकर खुद को कमरे में बंद कर लिया। इनके इस जज्बे को सलाम है, लेकिन कोरोना से लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। कोरोना से मुकाबले के लिए तीन मई तक इसी तरह अपने कर्तव्य का पालन करना होगा।

चिकित्सक- जिले के चिकित्सक अस्पतालों में कोरोना वायरस के बीच अपनी परवाह किए बिना लोगों का उपचार कर रहे हैं। इसमें अस्पताल के चिकित्सक, नर्स स्टॉफ, वार्ड बाय से लेकर सभी अधिकारी व कर्मचारी अहम भूमिका निभा रहे हैं। कोरोना हॉट स्पॉट बन चुके कटघोरा में दिन रात प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी सुरक्षा में लगे हुए हैं। इनके साथ स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी जुटे हुए हैं। प्रशासन व पुलिस के अधिकारी जहां लोगों से लॉकडाउन का पालन करने की अपील कर रहे हैं, वहीं स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर सेंपल एकत्र कर रहे हैं। ये सभी कोरोना फाइटर्स अपनी जान की परवाह किए बगैर लोगों की जान बचाने में लगे हुए हैं। कोरोना का संक्रमण कोरोना फाइटर्स तक ना पहुंचे इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

पुलिस कर्मी- जिला पुलिस प्रशासन हर चौक-चौहारों पर डटकर खड़े हुए हैं। लोगों की गलतियों पर फटकार लगाई जा रही है। कोरोना वायरस के बचाव के लिए घर से बाहर निकलने से मना किया जा रहा है। नहीं मानने पर घर के वरिष्ठ सदस्य की भांति सजा के तौर पर उठक-बैठक या कुछ समय तक खड़े करवाकर समझाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।
प्रशासनिक अधिकारी- प्रशासनिक अधिकारियों ने अपना परिवार छोड़कर दिन व रात कोरोना से जंग जीतने के प्रयास में लगे हुए हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति की जांच से लेकर रायपुर पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। इसकी सतर्कता से ही हर कोरोना संक्रमित इस लड़ाई को जीतने में सफल हो रहे हैं।

कोयला कर्मी- खदान में कोयला कर्मी सामान्य दिनों की तरह अपनी ड्यूटी पर जा रहे हैं। खदान के अंदर से कोयला का खनन किया जा रहा है। इसे विद्युत कंपनियों तक पहुंचाया जा रहा है। इसी से बिजली का उत्पादन हो रहा है। हमारे घर पर बिजली पहुंच रही है।

सफाई कर्मी-शहर की स्वच्छता और कोरोना वायरस की लड़ाई के लिए सफाई कर्मियों ने सेनेटाइजर लेकर निकल पड़े। अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना ही हर गली-मोहल्ले को सेनेटाइज कर रहे हैं। वहीं स्वच्छता दीदियों ने डोर-टू-डोर जाकर कचरा एकत्र कर इस जंग में शामिल हैं।

निगम कर्मी: निगम कर्मी लॉकडाउन के बीच जरूरतमंदों तक लगातार भोजन के पैकेट या सामग्री उपलब्ध कराने में जुटा हुआ है। ताकि इस संकट की घड़ी में कोई भी भूखा पेट ना सोए। वहीं घरों में सामान्य दिनों की तरह सुबह व शाम पानी की आपूर्ति की जा रही है। लोग घर पर ही रहकर सुविधा का लाभ उठा रहे हैं।

बिजली कर्मी- लॉकडाउन के बीच 24 घंटे हमारे घर पर बिजली सप्लाई हो रही है। इसमें विद्युत कर्मियों की अहम भूमिका है। ट्रांस्फार्मर के खराबी व बिजली गुल की एक कॉल पर विद्युत कर्मी सुधार कार्य कर रहे हैं। कुछ ही घंटे या फिर मिनट में बिजली बहाल की जा रही है।

बैंक कर्मी– लॉकडाउन जैसी विषम परिस्थिति में भी अधिकांश संस्थाओं के कर्मचारी व अधिकारी घर पर रहकर कार्य कर रहे हैं, लेकिन बैंक का कार्य घर पर नहीं हो सकता। इस वजह से बैंक कर्मचारियों ने संस्था में लोगों के लेन-देन को सुनिश्चित किया है। इस दौरान किसी को नगदी के कमी का एहसास नहीं होने दिया जा रहा।

रेलवे कर्मी- खदान में कोयले का खनन हो रहा है। इसे जिले से लेकर प्रदेश व देश के विभिन्न कंपनियों तक पहुंचाने का जिम्मा रेलवे की है। इसमें सैंकड़ों कर्मचारी सामान्य दिनों की तुलना में अधिक कार्य कर रहे हैं। देश को आर्थिक संकट और बिजली की निर्बाध आपूर्ति में कार्य कर रहे हैं।


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